Bhopal gangster Mukhtar Malik dies in Jhalawar भोपाल के गैंगस्टर मुख्तार मलिक की झालावाड़ में मौत, मछली ठेकेदारों के गुटों में हुआ खूनी संघर्ष , जानें मामला , Rajasthan Hindi News - Hindustan
Hindi Newsराजस्थान न्यूज़Bhopal gangster Mukhtar Malik dies in Jhalawar

भोपाल के गैंगस्टर मुख्तार मलिक की झालावाड़ में मौत, मछली ठेकेदारों के गुटों में हुआ खूनी संघर्ष , जानें मामला 

राजस्थान के  झालावाड़ के असनावर थाना इलाके में करीब 3 दिन पहले मछलियों के ठेके को लेकर दो गैंग में हुई फायरिंग और पथराव में घायल हुए भोपाल के गैंगस्टर मुख्तार मलिक की मौत हो गई है।

Prem Narayan Meena लाइव हिंदुस्तान, जयपुरFri, 3 June 2022 03:30 PM
share Share
Follow Us on
भोपाल के गैंगस्टर मुख्तार मलिक की झालावाड़ में मौत, मछली ठेकेदारों के गुटों में हुआ खूनी संघर्ष , जानें मामला 

राजस्थान के  झालावाड़ के असनावर थाना इलाके में करीब 3 दिन पहले मछलियों के ठेके को लेकर दो गैंग में हुई फायरिंग और पथराव में घायल हुए एक और व्यक्ति की झालावाड़ अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। पुलिस तफ्तीश में सामने आया कि मृतक मुख्तार मलिक मध्य प्रदेश के भोपाल का कुख्यात गैंगस्टर है। बताया जा रहा है कि जिस समय यह घटना हुई उस समय हड़बड़ाहट में मुख्तार जिस नाव में बैठा था वो नाव पलट गई थी। इस हमले में मुख्तार गंभीर रूप से घायल हो गया था। पुलिस 3 दिन से उसकी नदी और तालाबों में तलाश कर रही थी। शुक्रवार सुबह भीमसागर क्षेत्र में ग्रामीणों ने एक व्यक्ति को नदी से बाहर निकाला जिसकी पहचान मुख्तार के रूप में हुई। असनावर थाना क्षेत्र के कासखेड़ली गांव के नजदीक उजाड़ नदी के कैचमेंट क्षेत्र में मंगलवार देर रात को मछली ठेकेदारों के गुटों में खूनी संघर्ष हो गया था। 

एक दर्जन लोग गिरफ्तार 

झालावाड़ जिला पुलिस अधीक्षक मोनिका सेन ने बताया कि इस मामले में अब तक एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस पूरी वारदात में गैंगस्टर मुख्तार मलिक और विक्की लापता हो गए थे। ऐसे में शुक्रवार को मुख्तार मलिक घायल अवस्था में मिल गया। लेकिन विक्की का अभी तक कोई पता नहीं लग पाया है। इस विवाद में गैंगस्टर मुख्तार मलिक गुट का सदस्य कमल किशोर की मौत हो गई थी। विक्की संभवत: भोपाल चला गया है। 

नाव को लेकर दोनों गुटों में हुआ विवाद 

पुलिस से मिली जानकारी में सामने आया है कि उजाड़ नदी के बांध क्षेत्र में मछली पकड़ने का ठेका पहले दिल्ली के इरशाद व अन्य व्यक्तियों को दिया गया था। उन्होंने 31 मई को ही 12 फ़ीसदी बढ़ाकर भोपाल के मुख्तार मलिक को बेच दिया था। जब सुबह इसका सौदा हो गया तो रात को ही नाव लेने को लेकर विवाद हो गया। सामने यह भी आया है कि दूसरे गुट का बंटी, इरशाद से करीब ढाई लाख रुपए मांगता था। ऐसे में मछली पकड़ने की नाव ले जाने को लेकर दोनों गुटों में विवाद हो गया। जिसके बाद दोनों गुटों में खूनी संघर्ष हो गया।