संस्कृत शिक्षा में 2827 पदों पर होंगी भर्तियां, जानिए भजनलाल कैबिनेट के अहम फैसले
राजस्थान में संस्कृत शिक्षा में 2827 पदों पर होंगी भर्तियां। सीएम कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि बिजली के लिए केंद्र से जॉइंट वेंचर किया जाएगा।
राजस्थान में संस्कृत शिक्षा में 2827 पदों पर होंगी भर्तियां। सीएम कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश में मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास व संचालन के लिए संयुक्त उपक्रम, अक्षय और ताप विद्युत परियोजनाओं और विद्युत प्रसारण परियोजनाओं के लिए संयुक्त उपक्रम, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, संस्कृत शिक्षा विभाग में पदनाम परिवर्तन व चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुपर स्पेशियलिटी शिक्षकों की कमी दूर करने से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कैबिनेट की मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा, उद्योग व वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया को फैसलों की जानकारी दी।
दरअसल, प्रदेश की भजनलाल सरकार ज्वाइंट वेंचर कंपनी के जरिए प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं को गति देने की तैयारी में है। सीएम भजनलाल ने शनिवार को कैबिनेट की बैठक में इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, संस्कृत शिक्षा विभाग में पदनाम परिवर्तन व चिकित्सा शिक्षा विभाग में सुपर स्पेशियलिटी शिक्षकों की कमी दूर करने से जुड़े अहम निर्णय लिए. साथ ही 2027 तक प्रदेश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की नीति पर भी निर्णय हुआ।
उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि मेट्रो रेल नीति 2017 के अनुसार केंद्र सरकार और राज्य के बीच संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनी के गठन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह संयुक्त उद्यम राजस्थान में वर्तमान में चल रही व भविष्य की मेट्रो रेल परियोजनाओं के विकास, परिचालन और क्रियान्वयन के लिए होगा। दिल्ली मेट्रो, कोच्चि मेट्रो, बेंगलुरू मेट्रो, उत्तर प्रदेश मेट्रो, नोएडा मेट्रो, मध्य प्रदेश मेट्रो, नागपुर मेट्रो आदि लगभग सभी राज्यों में सफलतापूर्वक जेवी का यह मॉडल अपनाया गया है। मेट्रो रेल नीति-2017 के अनुसार इस जेवी को भारत सरकार से मेट्रो परियोजना लागत में वित्तीय सहयोग प्राप्त हो सकेगा। साथ ही राज्य की मेट्रो परियोजनाओं के लिए तकनीकी व प्रशासनिक सहयोग प्राप्त होगा।
उद्योग व वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड और आरवीयूएनएल के बीच दो अलग-अलग जेवी की स्थापना की जाएगी। इसमें एक तापीय परियोजना और दूसरी अक्षय ऊर्जा परियोजना होगी। इन जेवी से बिजली की बेस लोड और पीक लोड डिमांड पूरी होगी। साथ ही बिजली उत्पादन में प्रदेश के वित्तीय भार में कमी आएगी। पहली परियोजना के अंतर्गत कालीसिंध तापीय परियोजना झालावाड़ परिसर में 800 मेगावाट की इकाई या किसी अन्य पीटहैड ग्रीनफील्ड कोयला परियोजना की स्थापना की जाएगी।
राठौड़ ने बताया कि अक्षय ऊर्जा परियोजना की स्थापना के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी और आरवीयूएनएल के मध्य ज्वाइंट वेंचर बनाई जाएगी। यह उपक्रम 25 हजार मेगावाट की सोलर/विंड/हाइब्रिड एनर्जी सहित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगा। इसके माध्यम से प्रदेश में एक लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। कर्नल राठौड़ ने बताया कि विद्युत प्रसारण परियोजनाओं की स्थापना के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम के मध्य ज्वाइंट वेंचर कंपनी की स्थापना की जाएगी। इससे राजस्थान में बढ़ती विद्युत लोड मांग की पूर्ति के लिए ट्रांसमिशन प्रणाली का विकास हो सकेगा।
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