गहलोत सरकार अल्पमत में है, बोले भाजपा विधायक; सीपी जोशी से मिल उठा सकते हैं फ्लोर टेस्ट की मांग
जब भाजपा विधायक से यह पूछा गया कि क्या वो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे? तब इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम नियमों के मुताबिक सभी मांग उठाएंगे। राज्य सरकार अल्पमत में है।
राजस्थान में कुछ दिनों पहले उठा राजनीतिक बवंडर अभी शांत होता नहीं दिख रहा है। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के आवास पर पहुंचा है। भाजपा विधायक रामलाल शर्मा ने कहा, 'राजस्थान में सियासी संकट के वक्त विधायकों ने कबूल किया था कि वो त्याग पत्र दे रहे हैं। इसलिए एक ठोस निर्णय होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष को अपना स्टैंड क्लीयर करना चाहिए।' जब भाजपा विधायक से यह पूछा गया कि क्या वो विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की मांग करेंगे? तब इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम नियमों के मुताबिक सभी मांग उठाएंगे। नेताओं के बयान को देखा जाए तो राज्य सरकार अल्पमत में है। भाजपा विधायकों के इस कदम के बाद जाहिर है कि अब राजस्थान में एक बार फिर राजनीतिक हलचल बढ़ सकती है।
राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राज्य में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अस्थिरता का माहौल है। क्योंकि यह सभी अभी मंत्री हैं। कोई फैसला अब तक नहीं लिया गया है।। फैसला लेने में हो रही देरी की वजह से अव्यवस्था का माहौल बन गया है। बीजेपी ने काफी दिनों तक इंतजार किया और आज एक ज्ञापन इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा गया तथा इसमें मांग की गई है कि वो बिना देर किये कोई फैसला लें।
आपको याद दिला दें कि कुछ दिनों पहले राजस्थान में बड़ा सियासी बवाल खड़ा हुआ था। दरअसल राज्य के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत को पार्टी आलाकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का ख्वाब देख रही थी। लेकिन नॉमिनेशन की अंतिम तारीख से कुछ ही दिन पहले राज्य में गहलोत के वफादारों ने बागवती तेवर अपना लिए थे। इस बगावत को शांत करने के लिए दिल्ली से मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को राजस्थान भेजा गया था। गहलोत के समर्थक किसी भी कीमत पर सचिन पायलट या उनके गुट के किसी अन्य विधायक को मुख्यमंत्री के पद पर नहीं देखना चाहते थे।
गहलोत गुट के समर्थक इतने नाराज हो गए थे कि उन्होंने दिल्ली से आए नेताओं से मुलाकात तक नहीं की थी। यह बात भी सामने आई थी कि कई विधायकों ने गहलोत के समर्थन में सीपी जोशी के पास जाकर अपना इस्तीफा दे दिया था। बाद में इस राजनीतिक भूचाल को देखते हुए पार्टी आलाकमान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया था। सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने कहा था कि उन्होंने सोनिया गांधी से माफी मांगी है। साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन नहीं भरेंगे। इसके बाद अशोक गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहे और सचिन पायलट के सीएम बनने का सपना अधूरा रह गया था।
भाजपा विधायक इसी राजनीतिक संकट के दौरान कांग्रेस विधायकों के बयान को लेकर सीपी जोशी से मुलाकात करने पहुंचे हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देने की बात कही थी जिसके बाद राजस्थान सरकार अल्पमत में है।
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