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अशोक गहलोत-सीपी जोशी के रिश्तों की पेंच, कभी रास्ता रोका अब नाम आगे बढ़ा रहे

राजस्थान में सियासी घमासान लगातार जारी है। सचिन पायलट को सीएम न बनने देने को लेकर अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत के बाद हालात काफी पेचीदा हैं। ऐसे में गहलोत-जोशी के रिश्तों की पेंच भी जाननी होगी।

Deepak लाइव हिंदुस्तान, नई दिल्लीMon, 26 Sep 2022 12:38 PM
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राजस्थान में सियासी घमासान लगातार जारी है। सचिन पायलट को सीएम न बनने देने को लेकर अशोक गहलोत समर्थक विधायकों की बगावत के बाद हालात काफी पेचीदा हैं। बताया यह भी जा रहा है कि अशोक गहलोत ने पायलट की जगह सीपी जोशी को सीएम बनाने की पेशकश की है। अगर ऐसा वाकई ऐसा कुछ हुआ है तो यह बेहद दिलचस्प होगा, क्योंकि कहा जाता है कि कभी गहलोत ने ही सीपी जोशी को राजस्थान के सीएम की कुर्सी से दूर कर दिया था। आइए जानते हैं कौन हैं सीपी जोशी और कैसी रही है उनकी गहलोत के साथ रिश्तों की उलझन...

राजनीति में ऐसे उभरे सीपी जोशी
सीपी जोशी का जन्म राजस्थान के राजसमंद जिले के कुंवारिया में हुआ था। जोशी ने साइकोलॉजी में पीएचडी की हुई और उनके पास कानून की भी डिग्री है। वह एक लेक्चरर थे, जब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया से उनकी मुलाकात हुई। सुखाड़िया ने जोशी को अपने इलेक्शन कैंपेन की जिम्मेदारी दे दी। संयोग से उस चुनाव में सुखाड़िया जीत गए और यहीं से सीपी जोशी की किस्मत ने करवट ली। अपनी जीत से खुश सुखाड़िया ने जोशी को 1980 में टिकट दिया और 29 साल की उम्र में जोशी पहली बार विधायक बन गए। सीपी जोशी 2008 में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। इसके अलावा राजस्थान सरकार में मंत्रीपद भी संभाल चुके हैं। साथ ही यूपीए-2 के दौरान वह केंद्र सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। 

गहलोत से संबंध नहीं रहे हैं मधुर
हालांकि अशोक गहलोत और सीपी जोशी के बीच संबंध बहुत मधुर नहीं रहे हैं। माना जाता है कि 2008 में अशोक गहलोत ने सीपी जोशी के खिलाफ गोपनीय तरीके से कैंपेन चलाया था। इसका नतीजा यह हुआ था कि तब जोशी नाथद्वारा से चुनाव हार गए थे। इस तरह राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी उनसे दूर रह गई थी। दोनों के संबंध जून 2020 में सुधरे, तब जोशी ने गहलोत सरकार को बचाने में मदद की थी। उस वक्त सचिन पायलट ने बगावत कर दी थी। मानेसर में कैंप कर रहे सचिन पायलट समेत 19 कांग्रेस विधायकों के खिलाफ सीपी जोशी ने डिसक्वॉलीफिकेशन का नोटिस जारी कर दिया था।

सीएम के तौर पर चल रहा इनका भी नाम
सवाल यह है कि अगर सचिन पायलट राजस्थान में सीएम नहीं बनते हैं तो आखिर कौन होगा? इसको लेकर कई नेताओं का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि यहां सीएम पद की रेस में राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारिया और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी, विधायक रामनारायण मीणा, कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा और कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय के नाम हैं। इनमें डोटासरा, कटारिया हरीश चौधरी, मालवीय और परसादी लाल गहलोत के करीबी माने जाते हैं। इसके अलावा बीडी कल्ला और पूर्व मंत्री रघु शर्मा भी सीएम बनने की कतार में हैं।

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