राजस्थान पंचायत चुनावों में कांग्रेस को मिली हार के बाद अजय माकन का राजस्थान दौरा, गहलोत या पायलट किसके खेमे को संगठन नियुक्तियों में तरजीह
राजस्थान कांग्रेस में फिर से सियासी घमासान की सुगबुगाहट के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन राजस्थान दौरे पर आएंगे। माकन का यह दौरा सरकार की दूसरी वर्षगांठ से पहले होने की संभावना है। दरअसल राजस्थान सहित...
राजस्थान कांग्रेस में फिर से सियासी घमासान की सुगबुगाहट के बीच प्रदेश प्रभारी अजय माकन राजस्थान दौरे पर आएंगे। माकन का यह दौरा सरकार की दूसरी वर्षगांठ से पहले होने की संभावना है। दरअसल राजस्थान सहित अन्य राज्यों में एक के बाद एक मिल रही हार के बाद कांग्रेस आलाकमान ने सभी प्रभारियों को अपने प्रदेश में अधिक दौरे करने के निर्देश दिए हैं।
अजय माकन का यह दौरा इस मायने में अहम है कि इसके बाद राजस्थान में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों का रास्ता साफ़ हो जाएगा। प्रदेश में 20 दिसंबर तक आचार संहिता है इसलिए राजनीतिक नियुक्तियों का काम इसके बाद ही होगा। इन नियुक्तियों में सीएम अशोक गहलोत व सचिन पायलट कैंप दोनों को माकन किस तरह साध पाएंगे इस पर सबकी नजर होगी।
मुख्यमंत्री गहलोत ने हाल ही में इशारों-इशारों में पायलट खेमे पर जिस तरह से सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए उससे यह स्पष्ट हैं कि संगठन व राजनीतिक नियुक्तियों में वे पायलट खेमे को तरजीह देने को कतई तैयार नहीं हैं। दूसरी ओर माकन ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस आलाकमान पायलट खेमे को नजरअंदाज नहीं करेगा। माकन पहले ही कह चुके हैं कि दिसंबर और जनवरी के बीच राजस्थान कांग्रेस में संगठन और राजनीतिक नियुक्तियों की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
कई सवालों का सामना करना पड़ सकता है माकन को
निकाय और पंचायत चुनावों में कांग्रेस के मंत्रियों और कई विधायकों को हार का मुंह देखना पड़ा है और इसकी जिम्मेदारी से माकन भी नहीं बच सकते। यह सवाल उठेगा कि जब चुनावों से पहले टिकट बंटवारे को लेकर पार्टी में असंतोष पनप रहा था और यह बात सामने आई थी कि मंत्री-विधायक अपने रिश्तेदारों को ही टिकट बांट रहे हैं तब संगठन की तरफ से इसमें दखल क्यों नहीं दिया गया?
एक वरिष्ठ विधायक का कहना है कि हार के बाद इन मंत्रियों और विधायकों की जवाबदेही क्यों नहीं तय की गई? ऐसे कई सवाल हैं जो राजस्थान दौरे में अजय माकन का इंतजार कर रहे होंगे।