राजस्थान में ब्रेक के बाद फिर एक्टिव होगा मानसून, इन जिलों में होगी बारिश
राजस्थान में मौसम विभाग के अनुसार 2 सितंबर से मानसून का दौर सक्रिय होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में फिर से भारी और अति भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
राजस्थान में अगले दो दिनों बाद फिर से मेघ तेजी के साथ बरसेंगे। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण गुजरात पर गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ते हुए सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में पहुंच गया है। अब इसके धीरे-धीरे अरब सागर की खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है। यही कारण है कि फिलहाल मानसून कमजोर नजर आ रहा है।राज्य में 2 सितंबर से मानसून के सक्रिय होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार 2 सितंबर से मानसून का दौर सक्रिय होने के कारण राज्य के कई हिस्सों में फिर से भारी और अति भारी बारिश देखने को मिल सकती है।
ऐसा अनुमान है कि 3 और 4 सितंबर को राज्य के कई हिस्सों में बारिश का दौर तेज हो जाएगा। आंध्रप्रदेश, उड़ीसा तट और बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र तीव्र होकर विल मार्केट को प्रेशर में तब्दील हो गया है। इसके आगामी 36 घंटे में WNW दिशा में आगे बढ़ाने और तीव्र होकर डिप्रेशन बनने की संभावना है।
पूर्वी राजस्थान के कोटा, उदयपुर, भरतपुर और जयपुर संभाग के कुछ भागों में आगामी 48 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। यहां 1 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होने और कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग के अधिकांश भागों में आज से आगामी 2-3 दिन बारिश की गतिविधियों में कमी होने और 3 सितंबर से बारिश की गतिविधियों में पुनः बढ़ोतरी होने की संभावना है।
शुक्रवार को राजधानी जयपुर में भी मौसम अचानक बदल गया है। रात करीब 9 बजे जयपुर शहर और ग्रामीण इलाकों के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश शुरू हो गई। करीब आधे घंटे की बारिश के बाद जयपुर के कई इलाकों में पानी भर गया। बीते 24 घंटे में प्रदेश में कुछ स्थानों पर मेघगर्जन के साथ बारिश दर्ज की गई। श्रीगंगानगर जिले में कुछ स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई. पूर्वी राजस्थान में सबसे ज्यादा बारिश माउंट आबू में 49.0 मिलीमीटर और पश्चिमी राजस्थान के श्रीगंगानगर के जैतसर में 80.0 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध मात्र 1 मीटर पानी की आवक के साथ ही छलकने लगेगा और बांध पर चादर चलेगी। बांध का वर्तमान जलस्तर 314.50 RL मीटर पहुंच गया है। बांध में 315.50 RL मीटर पर चादर चलती है। ऐसा पहली बार होगा जब सितंबर में बांध पर चादर चलेगी। बांध पर पूर्व में छह बार अगस्त महीने में ही चादर चली है। सितंबर की शुरुआत में भी भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। बांध में कुल भराव क्षमता का 82.01% पानी मौजूद है और बांध तक पानी की आवक का मुख्य स्रोत त्रिवेणी नदी फ़िलहाल 2.80 मीटर की ऊंचाई पर बह रही है।
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