नरेश मीणा के समर्थन में महापंचायत, भजनलाल सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम
- टोंक के नगरफोर्ट में रविवार को सर्व समाज की महापंचायत आयोजित की गई। इसमें नरेश मीणा समेत जेल में बंद लोगों को रिहा करने की मांग, समारवरता गांव के लोगों को मुआवजा, न्यायिक जांच की मांग रखी गई

राजस्थान में थप्पड़ कांड और उसके बाद हिंसा-आगजनी के मामलों में देवली-उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी रहे नरेश मीणा की रिहाई को लेकर टोंक के नगरफोर्ट में रविवार को सर्व समाज की महापंचायत आयोजित की गई। इसमें नरेश मीणा समेत जेल में बंद लोगों को रिहा करने की मांग, समारवरता गांव के लोगों को मुआवजा, न्यायिक जांच की मांग रखी गई।महापंचायत में प्रहलाद गुंजल ने सरकार को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार मांगे नहीं मानती है, तो अगला महापड़ाव राजधानी जयपुर में होगा। प्रहलाद गुंजल ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि 13 तारीख की समरावता की घटना ने सारे देश को हिलाकर रख दिया। ऐसा दृश्य अंग्रेजों के राज में देखने को मिलता था. एक बार फिर समरावता कांड ने जरनल डायर की याद दिला दी।
उन्होंने कहा कि क्या एक महिला का हाथ पकड़कर एक अधिकारी का घसीटना अपराध नहीं है। एक नौजवान लड़के ने निर्दलीय चुनाव लड़ लिया. चुनाव से नेता का निर्माण होता है। नरेश मीणा ने जनता के विश्वाश और भरोसे से चुनाव लड़ लिया, लेकिन मुख्यमंत्री ने सारे शासन को उसको रोकने में लगा दिया। आपने उसे जेल में डाल दिया। नरेश जेल से आएगा, तो चार गुना ताकतवर बनकर आएगा।
पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचिरयावास ने अपने संबोधन में कहा कि यह लड़ाई कांग्रेस, बीजेपी और निर्दलीय की नहीं है. यह लड़ाई अधिकारों की है। भजनलाल जी यह भी कह सकते हैं कि बीजेपी वालों को कूट दो, समरावता में आधी रात में मुख्यमंत्री ने पुलिस गांव में भेज दी। राजस्थान में कई मुख्यमंत्री रहे, लेकिन भजनलाल सरकार ने रात में गांव में पुलिस घुसा दी. वोट की चोट से देश चलता है. वोट की चोट से अपराध करने वाला डरता है. यहां जो भी लोग आए हैं, उनका स्वाभिमान है. डॉक्टर किरोड़ी लाल पर भजनलाल भारी पड़ गए।