95 घंटे से फंसी है चेतना, बारिश डाल रही है खलल; अब शुरू हुआ दुआओं का दौर
- बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा हो रही है। हालांकि बारिश के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी। केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम अभी जारी है। एनडीआरएफ के प्रशिक्षित जवानों को इसके बाद गड्ढे में शिफ्ट वाइज उतारा जाएगा।

राजस्थान के कोटपूतली के कीरतपुरा की ढाणी बड़ीयाली में बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना को चौथे दिन गुरुवार को भी नहीं निकाला जा सका। चेतना को बोरवेल में गिरे 95 घंटे से अधिक हो चुके हैं। अब पाइलिंग मशीन से बोरवेल के समानांतर 20 फीट की दूरी पर 170 फीट गहरा गड्ढा खोदा गया है। प्रशासन ने रैट माइनर्स को उतारने की तैयारी की है। वहीं, बारिश के चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा हो रही है। हालांकि बारिश के बावजूद रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी। केसिंग पाइप की वेल्डिंग का काम अभी जारी है। एनडीआरएफ के प्रशिक्षित जवानों को इसके बाद गड्ढे में शिफ्ट वाइज उतारा जाएगा और नीचे से होरिजेंटल खुदाई करते हुए बोरवेल में फंसी बच्ची तक पहुंचा जाएगा
वहीं, चेतना की मां की तबीयत भी खराब है। खाना नहीं खाने से उनकी हालत बिगड़ गई है, डॉक्टरों की टीम को बुलाकर उनकी जांच कराई गई है।बता दें बुधवार सुबह 8 बजे से गड्ढा खोदने का काम शुरू हुआ था। मेजरमेंट सही नहीं होने के कारण 32 घंटे तक खुदाई चलती रही। गुरुवार सुबह 10:40 बजे रैट माइनर्स को सुरंग खोदने के लिए नीचे उतारा जाने वाला था। लेकिन, मेजरमेंट में समस्या होने के कारण 6 घंटे में पाइलिंग मशीन को दो बार चलाकर फिर से ड्रिल किया गया।
सोमवार दोपहर करीब 1:50 बजे से 700 फीट गहरे बोरवेल में फंसी चेतना 74 घंटे से भूखी-प्यासी है। मंगलवार के बाद से उसका मूवमेंट भी कैमरे में नहीं दिखा। कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने गुरुवार दोपहर को बताया- रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।
पाइलिंग मशीन से लगातार खुदाई चलती रही है। नीचे पत्थर आने से काम में दिक्कत हुई। इसके बाद नई मशीन से पत्थर को काटने का काम किया गया। खुदाई का काम लगभग पूरा हो चुका है। NDRF की निगरानी में मैनुअल हॉरिजॉन्टल टनल बनाकर बच्ची को रेस्क्यू किया जाएगा।