3-दिन से 700 फीट गहरे बोरवेल में 3-साल की बच्ची, मां की तबीयत बिगड़ी
- कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। बोरवेल के समानांतर पाइलिंग मशीन से एक और गड्ढा खोदा जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है।

कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। बोरवेल के समानांतर पाइलिंग मशीन से एक और गड्ढा खोदा जा रहा है। सुरंग बनाकर बच्ची को रेस्क्यू करने का प्रयास किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि अब उत्तराखंड टनल हादसे में रेस्क्यू करने वाले रैट माइनर्स खोदेंगे सुरंग। राजस्थान के कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। प बच्ची को जुगाड़ के जरिए निकालने की तमाम कोशिशें फेल रहीं, लेकिन इस बीच प्रशासन ने फरीदाबाद से पाइलिंग मशीन मंगाई।
उल्लेखनीय है कि बोरवेल में फंसी चेतना को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू टीम में एनडीआरएफ के 25 और एसडीआरएफ के 15 जवान शामिल हैं। इसके अलावा पुलिस विभाग से कोटपूतली एसपी, एएसपी, डीएसपी और तीन थानों के एसएचओ समेत 40 पुलिसकर्मी भी मौजूद हैं। स्वास्थ्य विभाग से सीएमएचओ, बीसीएमएचओ, पीडियाट्रिशियन और एनेस्थीसिया के विभागाध्यक्ष और 19 नर्सिंग स्टाफ को भी मौके पर रखा गया है। जबकि फायर ब्रिगेड, जेसीबी और नगर परिषद के 25 कर्मचारी भी तैनात हैं।
वहीं, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने एक्स पर लिखा- कोटपुतली के किरतपुरा क्षेत्र के बड़ीयाली ढाणी में मासूम बच्ची के बोरवेल में गिरने की खबर चिंताजनक है।प्रशासन से मेरा आग्रह है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाकर बच्ची को जल्द से जल्द बोरवेल से बाहर निकाला जाए। मेरी ईश्वर से प्रार्थना है कि उस मासूम बच्ची को सकुशल रखें।
मौके पर रेस्क्यू टीम जुगाड़ के जरिए बच्ची को बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हुक बनाकर बोरवेल में डाला जा रहा है, लेकिन देसी जुगाड़ से बच्ची को बाहर निकालने के प्रयास दो बार विफल हो चुके हैं। फिलहाल मौके पर NDRF, SDRF की टीम रेस्क्यू आप्रेशन कर रही है, लेकिन फिर से रेस्क्यू टीम जुगाड़ के माध्यम से बच्ची को निकालने का प्रयास किया, वह भी फेल रहा।
बताया जा रहा है कि बालिका के गिरने के दौरान मिट्टी नीचे साथ जाने से रेस्क्यू सही से नहीं हो पा रहा है। इस बीच पूरी रात भर कड़ाके की ठंड में परिजन और ग्रामीण सोए नहीं हैं। सभी बच्ची को बाहर निकालने की दुआएं कर रहे हैं। दूसरी तरफ परिजन गमजदा है। वहीं चेतना की मांं धोली देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।