
राजस्थान में कल से फिर सक्रिय होगा मानसून, कई संभागों में येलो अलर्ट जारी
संक्षेप: राजस्थान में एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में बने नए सिस्टम और पूर्वी हवाओं की सक्रियता के चलते प्रदेश में गुरुवार, 14 अगस्त से बारिश का नया दौर शुरू हो सकता है।
राजस्थान में एक बार फिर मानसून के सक्रिय होने की संभावना जताई गई है। बंगाल की खाड़ी में बने नए सिस्टम और पूर्वी हवाओं की सक्रियता के चलते प्रदेश में गुरुवार, 14 अगस्त से बारिश का नया दौर शुरू हो सकता है। मौसम विभाग जयपुर ने भरतपुर, कोटा, उदयपुर, जयपुर और अजमेर संभाग के जिलों के लिए 14 से 16 अगस्त तक येलो अलर्ट जारी किया है। इन इलाकों में कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की आशंका है।

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में मौसम शुष्क बना हुआ था। बीते 24 घंटे में जयपुर, अजमेर, जोधपुर, उदयपुर, बीकानेर, श्रीगंगानगर और सीकर सहित कई शहरों में हल्की धूप के साथ गर्मी महसूस की गई। तापमान भी सामान्य से ऊपर दर्ज किया गया। मंगलवार को सबसे अधिक तापमान श्रीगंगानगर में 36.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर और फलोदी में 36, बाड़मेर में 35.8, जैसलमेर में 35.7, कोटा में 34.4, जयपुर में 35.4 और अजमेर में 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। हालांकि, यह गर्मी अब जल्द ही बारिश में तब्दील होने वाली है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान में मानसून ट्रफ लाइन बठिंडा, पटियाला और देहरादून से होकर गुजर रही है। अनुमान है कि यह ट्रफ लाइन 15 अगस्त के बाद उत्तर भारत से खिसक कर अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएगी। इसके परिणामस्वरूप राजस्थान के कई हिस्सों में बादल गरजने और अच्छी बारिश की संभावना बनेगी, विशेषकर उदयपुर संभाग में 15 और 16 अगस्त को भारी बारिश होने के आसार हैं।
राज्य में इस मानसून सीजन के दौरान अब तक हुई बारिश ने सभी को चौंका दिया है। 1 जून से 11 अगस्त तक जहां सामान्यतः औसतन 278.2 मिमी बारिश होती है, वहीं इस बार अब तक 431 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह औसत से करीब 55 फीसदी अधिक है, जो कि किसानों और जल स्रोतों के लिए एक राहत भरी खबर है। पर्याप्त बारिश के कारण कई जलाशयों में जलस्तर बढ़ा है और खरीफ फसलों की बुआई भी समय पर पूरी हो गई है।
राजस्थान जैसे शुष्क राज्य के लिए यह मानसून बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है। पहले जुलाई के पहले और दूसरे सप्ताह में अच्छी बारिश देखने को मिली, उसके बाद कुछ दिन ब्रेक रहा लेकिन अब एक बार फिर नया सिस्टम सक्रिय हो रहा है। खासकर दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, जहां खेतीबाड़ी बारिश पर ही निर्भर है, वहां के लिए ये बारिश राहत लेकर आएगी। मौसम विभाग ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और बताया है कि बारिश के दौरान निचले इलाकों में जलभराव और बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए आवश्यक सतर्कता जरूरी है।
राजस्थान में अब तक की बारिश के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह साल मॉनसून के लिहाज से काफी बेहतर रहा है। यदि अगले कुछ हफ्तों में भी इसी तरह की स्थिति बनी रहती है, तो यह ना सिर्फ खेती बल्कि भूजल स्तर और जल संचय की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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