किससे बात करती हो? सवाल से शुरू हुआ शक, मर्डर तक पहुंचा पति, राजस्थान में तलवार से की पत्नी की हत्या
बाड़मेर जिले के गिराब थाना क्षेत्र के हरसाणी गांव में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। महज शक के चलते एक पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी ने पत्नी पर नजर रखने के लिए तीन महीने तक काम पर जाना छोड़ दिया और हर हरकत पर पैनी निगाह रखी।

बाड़मेर जिले के गिराब थाना क्षेत्र के हरसाणी गांव में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। महज शक के चलते एक पति ने अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी। आरोपी ने पत्नी पर नजर रखने के लिए तीन महीने तक काम पर जाना छोड़ दिया और हर हरकत पर पैनी निगाह रखी। शक इतना बढ़ गया कि उसने तलवार खरीदकर पत्नी की गर्दन काट दी।
हत्या की रात: सोती पत्नी को बनाया निशाना
घटना 10 जुलाई की रात करीब 3 बजे की है। आरोपी मोइम खान (37) ने चारपाई पर सो रही पत्नी रहमत (34) का तलवार से गला काट दिया। वारदात के वक्त तीनों बच्चे घर के आंगन में सो रहे थे जबकि बुजुर्ग माता-पिता बाहर। 11 जुलाई सुबह करीब 6 बजे बेटी की नींद खुली तो मां को खून से लथपथ देखा। बच्ची के चिल्लाने पर आसपास के लोग जुटे और पुलिस को सूचना दी गई।
सिरोही से खरीदी थी हत्या की तलवार
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी ने इस हत्या की साजिश करीब 15 दिन पहले रची थी। 30 जून को वह माउंट आबू गया था। वापसी में सिरोही में प्रसिद्ध तलवार देखी और उसे खरीद लिया। आरोपी ने बताया कि उसका इरादा केवल पत्नी को डराकर सच उगलवाने का था, लेकिन गुस्से में वह हत्या तक पहुंच गया।
शक की कहानी: पैरों के निशान और देर रात की बातें
आरोपी मोइम खान को पत्नी पर शक था कि वह किसी अन्य व्यक्ति से फोन पर बात करती है। तीन महीने पहले उसने रहमत को किसी से बात करते देखा था। रहमत हमेशा यही कहती रही कि वह रिश्तेदारों से बात कर रही है, लेकिन मोइम को भरोसा नहीं हुआ। उसने एक दिन घर के पास किसी पुरुष के पैरों के निशान देखे, जिससे उसका शक और गहरा गया।
मानसिक अस्थिरता या हत्या का बहाना?
पुलिस के अनुसार, मोइम खान का मानसिक संतुलन कुछ समय से ठीक नहीं था। साल 2012 में बिल्डिंग से गिरने के बाद सिर में गंभीर चोट आई थी। तब से इलाज चल रहा था, लेकिन पिछले एक-डेढ़ साल से वह कोई दवाई नहीं ले रहा था। हत्या के बाद आरोपी माउंट आबू से लौटकर भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने उसे शिव के पास जोधपुर जाने वाली बस से गिरफ्तार कर लिया।
तीन बच्चों का टूटा सहारा
इस वारदात में सबसे बड़ा नुकसान उन तीन मासूम बच्चों का हुआ, जिन्होंने अपनी मां को खो दिया। बड़ा बेटा 13 साल, दूसरा 10 साल और सबसे छोटी बेटी महज 8 साल की है। मां की मौत के बाद तीनों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, रहमत बच्चों की देखरेख और घर संभालने में पूरी तरह व्यस्त रहती थी।
पुलिस की कार्रवाई और अगली जांच
गिराब थाने के थानाधिकारी देवी सिंह ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया था। पूछताछ में हत्या की योजना, मानसिक स्थिति और शक की कहानियों का खुलासा हुआ। रिमांड खत्म होने के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। मामले की गहन जांच जारी है, जिसमें आरोपी की मानसिक स्थिति का भी मूल्यांकन किया जाएगा।
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