राजस्थान: हनुमानगढ़ में गोलियों से व्यापारी की हत्या,पुलिस ने हरियाणा से दबोचे 4 शूटर
संक्षेप: हनुमानगढ़ जिले के शांत माने जाने वाले संगरिया कस्बे में 12 सितंबर की दोपहर अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से सनसनी फैल गई। भीड़भाड़ वाली धानमंडी में व्यापारी विकास जैन की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया।

हनुमानगढ़ जिले के शांत माने जाने वाले संगरिया कस्बे में 12 सितंबर की दोपहर अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से सनसनी फैल गई। भीड़भाड़ वाली धानमंडी में व्यापारी विकास जैन की निर्मम हत्या ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया। लोग सकते में थे कि आखिर किसने दिनदहाड़े इस व्यापारी को गोलियों से भून डाला। घटना के तुरंत बाद यह मामला प्रदेशभर में चर्चा का विषय बन गया।
विकास जैन की हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीजीपी के निर्देश पर बीकानेर रेंज के आईजी हेमंत शर्मा और एसपी हनुमानगढ़ हरीशंकर ने तुरंत विशेष कार्रवाई की रणनीति बनाई। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जनेश तंवर और वृताधिकारी करण सिंह के नेतृत्व में कुल 10 टीमें गठित की गईं। इन्हें अलग-अलग इलाकों में दबिश देने और तकनीकी व मानवीय सूचनाओं के जरिए आरोपियों का पीछा करने का जिम्मा सौंपा गया।
जांच के शुरुआती सुराग पुलिस को घटनास्थल से मिले। गोलियों के खाली खोखे और चश्मदीदों की बताई गाड़ियों की जानकारी से पुलिस को अंदाजा हुआ कि यह वारदात किसी संगठित आपराधिक नेटवर्क से जुड़ी है। सूत्रों के अनुसार शुरुआती जांच में ही यह संकेत मिलने लगे थे कि इस हत्या के पीछे कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ हो सकता है।
इसके बाद पुलिस ने सीमावर्ती जिलों और पड़ोसी राज्यों हरियाणा व पंजाब में निगरानी बढ़ा दी। मुखबिरों के जरिए लगातार जानकारी जुटाई गई। टीमों ने संदिग्धों के मोबाइल लोकेशन और आपराधिक रिकॉर्ड खंगाले। 60 घंटे के भीतर पुलिस ने चक्रव्यूह रचकर आरोपियों को घेरने की योजना तैयार कर ली।
15 सितंबर की देर रात पुलिस को बड़ा सुराग मिला। हरियाणा के धर्मपुरा इलाके में छिपे चार बदमाशों की मौजूदगी की खबर मिली। इसके बाद विशेष टीमों ने ऑपरेशन चलाया और घेराबंदी कर आरोपियों को दबोच लिया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुख्य शूटर जलंधर सिंह उर्फ अमृतपाल शामिल था, जिस पर पहले से ही कई संगीन केस दर्ज थे। वह तीन महीने पहले पंचकूला में हुए सोनू माल्टा हत्याकांड में भी वांछित चल रहा था।
इसके साथ ही पुलिस ने हरदीप सिंह उर्फ दीप, मखिंद्र सिंह उर्फ लवली और मनप्रीत सिंह उर्फ मनी को भी गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि ये आरोपी न केवल हत्या में शामिल थे बल्कि इन्हें आपराधिक गैंग से फंडिंग भी मिल रही थी। आरोपियों को वारदात के लिए वाहन भी उपलब्ध कराए गए थे।
12 सितंबर को हुई घटना में व्यापारी विकास जैन अपनी दुकान पर बैठे थे। उनके पार्टनर नरेश कुमार अरोड़ा ने फोन मिलाया, लेकिन जवाब न मिलने पर दुकान पर पहुंचे। वहां का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए। विकास जैन खून से लथपथ फर्श पर पड़े थे और चेहरे व पेट पर गोलियों के निशान साफ दिखाई दे रहे थे। अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

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