
गोदारा गैंग के तीन शूटर बंगाल से गिरफ्तार, राजस्थान में 7 अक्टूबर को बिजनेसमैन की हत्या की थी
संक्षेप: कुचामन सिटी की उस सुबह की ठंडक में कुछ भी असामान्य नहीं था। शहर की सड़कों पर रोज़ की तरह हलचल थी। लेकिन 7 अक्टूबर की सुबह 7:15 बजे जैसे ही स्थानीय जिम से गोली चलने की आवाज़ आई, शांत कुचामन की रफ्तार थम गई।
कुचामन सिटी की उस सुबह की ठंडक में कुछ भी असामान्य नहीं था। शहर की सड़कों पर रोज़ की तरह हलचल थी। लेकिन 7 अक्टूबर की सुबह 7:15 बजे जैसे ही स्थानीय जिम से गोली चलने की आवाज़ आई, शांत कुचामन की रफ्तार थम गई। गोली के छर्रे ने न सिर्फ बिजनेसमैन रमेश रुलानियां की जान ली, बल्कि पूरे नागौर जिले को हिला दिया।
मामले की शुरुआत एक साधारण जिम में हुई, लेकिन इसके तार राजस्थान से लेकर बंगाल तक जा पहुंचे। मर्डर के कुछ ही घंटे बाद सोशल मीडिया पर रोहित गोदारा गैंग के नाम से एक पोस्ट वायरल हुई—“रुलानियां का काम पूरा कर दिया गया।” यह वही गिरोह था, जिसने पहले भी कई हाई-प्रोफाइल शूटआउट की जिम्मेदारी ली थी।
हत्या के बाद शहर में माहौल बिगड़ गया। स्थानीय व्यापारियों और आम लोगों ने कुचामन थाने के बाहर धरना शुरू कर दिया। “हत्यारों को जल्द पकड़ो” की मांग के बीच पुलिस पर दबाव बढ़ता गया। एसपी ऋचा तोमर की टीम ने केस को ‘टॉप प्रायोरिटी’ में डाल दिया। जिम सील किया गया, आसपास के 50 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले गए, और हिस्ट्रीशीटर शफीक के कैफे पर कार्रवाई की गई।
इसी दौरान पुलिस को कुछ टेक्निकल इनपुट मिले—शूटर हत्या के बाद अलग-अलग दिशाओं में भागे थे। किसी ने ट्रेन पकड़ी थी, तो कोई बस से दिल्ली होते हुए बंगाल तक पहुंच गया।
मर्डर में इस्तेमाल जिगाना पिस्टल का सुराग पुलिस को नरैना के पास मिला। झाड़ियों में फेंका एक बैग मिला जिसमें कई हथियार थे। इन्हीं हथियारों से रुलानियां पर फायरिंग की गई थी। हर सुराग पुलिस को एक नई दिशा देता, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पा रहा था।
इसी बीच एक बड़ा खुलासा हुआ—शूटर्स की मदद करने वाला एक नाबालिग पकड़ा गया। उसने बताया कि घटना की प्लानिंग बोरावड़ के गणपत गुर्जर, महेश गुर्जर, धर्मेंद्र गुर्जर और जुबेर अहमद ने मिलकर की थी। जुबेर, जो गैंग का ‘लिंक मैन’ था, आज भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
राजस्थान पुलिस ने हत्या के पीछे के नेटवर्क को तोड़ने के लिए 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों की 20 टीमों को एक्टिव किया। टीमें राजस्थान से लेकर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तक फैलीं। मोबाइल लोकेशन, सोशल मीडिया ट्रैकिंग और मुखबिरों की मदद से आखिरकार पुलिस को पता चला—तीन शूटर पश्चिम बंगाल में छिपे हैं।
गुरुवार रात एक सटीक रेड में गणपत गुर्जर, धर्मेंद्र गुर्जर और महेश गुर्जर को दबोच लिया गया। तीनों पर पहले से एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ्तार आरोपियों को अब राजस्थान लाया जा रहा है, जहां पूछताछ में पूरे हत्याकांड की कड़ियां साफ होंगी।
पूरे मामले की सबसे बड़ी गुत्थी यह है कि रोहित गोदारा गैंग ने आखिर क्यों इस हत्या की जिम्मेदारी ली। पुलिस को शक है कि यह मर्डर किसी पुराने व्यवसायिक विवाद या गैंग राइवलरी का नतीजा था। गोदारा गैंग का सक्रिय सदस्य वीरेंद्र चारण ने हत्या के बाद सोशल मीडिया पोस्ट डालकर कहा था—“रुलानियां ने गलती की थी, सजा मिल गई।”

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Sachin Sharmaलेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।




