जिसने अगवा किया उसी से लिपटकर खूब रोया मासूम, किडनैपर के भी आ गए आंसू; क्या है पूरी कहानी
बताया जा रहा है कि किडनैपर ने बच्चे को 14 महीने पहले अगवा किया था लेकिन उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचाया।
राजस्थान के जयपुर में एक बच्चे के अपहरण का अनोखा मामला सामने आया है। 14 महीने तक किडनैपर के साथ रहे बच्चे को जब पुलिस ने बरामद किया तो दोनों एक दूसरे के लिए रोने लगे। बच्चा किडनैपर से अलग होने को तैयार नहीं था तो आरोपी की आंखों में भी आंसू आ गए। आरोपी बच्चे का रिश्तेदार ही है जो उसे और उसकी मां को अपने साथ रखना चाहता था। गिरफ्तार किया गया आरोपी बच्चे की मां का ममेरा भाई है। आरोपी का दावा है कि बच्चा उसका है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें पुलिस बच्चे को ले जाने की कोशिश कर रही है और बच्चा शख्स से लिपटकर जोर-जोर से रोता नजर आ रहा था। बच्चे को इस तरह रोता देख शख्स भी रो पड़ा। पुलिस जबरदस्ती बच्चे को शख्स से छुड़ाकर उसकी मां के पास ले गई लेकिन बच्चा रोता रहा। मां के पास जाने के बाद भी वह चुप नहीं हुआ।
14 महीने तक बच्चे का रखा ख्याल
बच्चा करीब 14 महीने तक आरोपी के पास था। इस दौरान उसने बच्चे का ख्याल रखा। इससे बच्चे को उससे ऐसा लगाव हो गया कि उसे छोड़ने को तैयार ही नहीं हुआ। जयपुर पुलिस के मुताबिक आरोपी की पहचान तनुज चाहर के तौर पर हुई है और वह उत्तर प्रदेश का हेड कॉन्सटेबल था जो फिलहाल सस्पेंड है। पुलिस ने उसे अलीगढ़ से गिरफ्तार किया।
क्या है पूरा मामला
आरोपी ने 14 जून 2023 को 11 महीने के बच्चे का अपहरण किया था। बच्चे की पहचान कुक्कू उर्फ पृथ्वी के रूप में हुई है। आरोपी तनुज ने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर पृथ्वी को किडनैप किया था। जयपुर के आईपीएस, पुलिस आयुक्त (दक्षिण) दिंगत आनंद ने बताया कि मामले की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पूनम चौधरी अपने पति और बच्चे के साथ वाटिका में स्थित कॉलोनी में रहती थी। आरोपी तनुज चाहर पूनम के मामा का लड़का है और जिला अलीगढ़ में हेड कॉन्सटेबल भी था। वह पूनम को जबरदस्ती अपने साथ ले जाना चाहता था। उसने उससे मारपीट भी की। तभी पूनम बचने के लिए दूसरे मकान में रह रहे अपने भाई के पास गई और पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक भाई मौके पर आया तो आरोपी 11 महीने के बच्चे को लेकर भाग गया और उसके साथियों ने भाई की आंखों में गुलेल से वार किया जिससे उसकी आंख में गहरी चोट आ गई और आरोपी तनुज चाहर अपने साथियों के साथ बच्चे का अपहरण कर भाग गया।
क्यों किया अपहरण?
जयपुर पुलिस ने बताया कि आरोपी तनुज चाहर शिकायतकर्ता महिला और बच्चे पृथ्वी को अपने पास रखना चाहता था जिस पर वह सहमत नहीं थी। आरोपी ने उस पर काफी दबाव बनाया लेकिन वह आरोपी के साथ नहीं जाना चाहती थी, इसलिए वह योजना के तहत उसके बच्चे को अपने साथियों के साथ मिलकर उसके घर आकर किडनैप कर ले गया। अपहरण के बाद आरोपी तनुज चाहर ने महिला से अपनी बात मनवाने के लिए बार-बार कॉल कर धमकी दी। रंजिश की आग में आरोपी अपनी नौकरी से भी निलम्बित हो गया लेकिन अपनी जिद नहीं छोड़ी और महिला से अपनी बात मनवाने की कोशिश करता रहा है।
पुलिस ने उसे पकड़ने की काफी कोशिश की। पुलिस के मुताबिक पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम भी रखा लेकिन कुछ पता नहीं चला। बच्चा 14 महीनों तक किडनैपर के पास रहा। इसके बाद पुलिस को इनपुट मिला कि किडनैपर ने अपना हुलिया बदल लिया है। वह दाढ़ी बाल बढ़ाकर साधु बन कर मथुरा-वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर कुटिया बनाकर रह रहा है। बच्चा भी उसी के साथ था जिसे वह साधु बनाकर घुमाता था
कैसे पकड़ा गया आरोपी?
सूचना मिलते ही पुलिस भी भेस बदलकर आरोपी की कुटिया तक पहुंच गई। लेकिन उसे पहले ही पुलिस के आने की भनक लग गई थी जिसके चलते वह बच्चे को लेकर भाग गया। 27 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली कि वह गोंडा अलीगढ़ की तरफ भागा है। इसके बाद पुलिस ने उसका पीछा किया। पुलिस को आता देख वह बच्चे को गोदी में लेकर जंगल की तरफ भागा। पुलिस भी उसके पीछे भागी और आखिर में उसे बच्चे के साथ पकड़ लिया।
पुलिस ने बताया कि आरोपी को जयपुर लाया गया। बच्चे के मां बाप को पता चला तो वह भी थाने पहुंच गए। इसके बाद जब पुलिस ने बच्चे को मां को सौंपने की कोशिश की तो बच्चा किडनैपर को छोड़ने के लिए तैयार ही नहीं हुआ। वह उसके गले लग गया और जोर-जोर से रोने लगा।
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