father wanted to child marriage his 4 minor daughters together but second is opposed 4 बेटियों का एक साथ बाल विवाह कराना चाहता था बाप, दूसरी बेटी ने कर दी बगावत; फिर उसके बाद, Rajasthan Hindi News - Hindustan
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4 बेटियों का एक साथ बाल विवाह कराना चाहता था बाप, दूसरी बेटी ने कर दी बगावत; फिर उसके बाद

राजस्थान में बाल विवाह से जुड़ा अनोखा मामला सामने समाने आया है। एक बाप अपनी चार नाबालिग बेटियों का एक साथ शादी करवाना चाहता था। उसने सारी तैयारियां भी कर ली थी, लेकिन शादी से एक सप्ताह पहले उसकी दूसरी बेटी ने बगावत कर दी।

Subodh Kumar Mishra लाइव हिन्दुस्तान, जयपुरMon, 30 Dec 2024 03:17 PM
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4 बेटियों का एक साथ बाल विवाह कराना चाहता था बाप, दूसरी बेटी ने कर दी बगावत; फिर उसके बाद

राजस्थान में बाल विवाह से जुड़ा अनोखा मामला सामने समाने आया है। एक बाप अपनी चार नाबालिग बेटियों का एक साथ शादी करवाना चाहता था। उसने सारी तैयारियां भी कर ली थी, लेकिन शादी से एक सप्ताह पहले उसकी दूसरी बेटी ने बगावत कर दी।

राजस्थान के करौली जिले में कर्ज और बेरोजगारी के बोझ तले तुला राम अपनी चार नाबालिग लड़कियों का एक साथ शादी कराना चाहता था। द हिंदू में छपी रिपोर्ट के अनुसार, बेटियों की उम्र 17, 15, 14 और 13 साल है। बड़ी बेटी के लिए उसने लड़का भी फाइनल कर लिया। बाकी तीनों बेटियों के लिए भी वह लड़का ढूंढ रहा था। उसका मानना था कि एक ही दिन सभी की शादी कर देने से खर्चा बच जाएगा।

चारों बेटियां स्कूल में पढ़ती थीं। सभी अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती थी, लेकिन जब पिता ने गरीबी के कारण अपनी लाचारी व्यक्त की तो उनके पास कोई विकल्प नहीं था। पिता को सबसे बड़ी बेटी के लिए लड़का मिल गया था और वह अपनी तीन अन्य बेटियों की शादी के लिए लड़का ढूंढ रहा था। लेकिन, इसी बीच उसकी 15 साल की दूसरी बेटी ने बगावत कर दी। वह शादी करने के लिए तैयार नहीं थी।

तुला राम का मानना था बेटियों की शादी एक ही दिन करने से बहुत सारा खर्चा बच जाएगा। वह करौली जिले के गांव में एक ही समारोह में चारों की शादी करने की योजना बना रहे थे। इस बीच 15 साल की दूसरी बेटी ने अपने टीचर को इसकी जीनकारी दी। चूंकि टीचर इस मामले में सीधे हस्तक्षेप नहीं करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने उसे एक एनजीओ के पास भेजा। इस एनजीओ ने हाल ही में उनके स्कूल में एक जागरूकता कैंप आयोजित किया था। जब लड़की ने एनजीओ के प्रतिनिधियों को फोन किया तो उन्होंने उसे उनके कार्यालय में आने के लिए कहा। उन्हें लगा कि लड़की बेहद परेशान है और उसे मदद की जरूरत है।

अपनी ही उम्र की एक सहेली के साथ लड़की ने शादी से एक सप्ताह पहले ग्रामराज्य विकास एवं प्रशिक्षण संस्थान नामक एनजीओ के कार्यालय पहुंची। कार्यालय बाल अधिकारों और बाल विवाह के खिलाफ पोस्टरों से सजा था। लड़की ने वहां पहुंचकर सारी कहानी बताई। संस्थान के निदेशक छैल बिहारी शर्मा ने कहा, “हमने लड़की को आश्वासन दिया कि उसके यहां आने के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा। किसी को यह भी पता नहीं चलेगा कि उसने हमें इसके बारे में सूचित किया था। जब हमने उससे कहा कि इन शादियों को रोकना हमारी जिम्मेदारी है तो उसने काफी राहत महसूस की।

इसके बाद चाइल्ड लाइन के अधिकारियों के साथ संस्थान के सदस्यों ने तुरंत लड़की के माता-पिता से मुलाकात की। माता-पिता ने शादी की बात से इनकार कर दिया, लेकिन लड़की ने अपने पिता के सामने खड़े होने की हिम्मत जुटाई। इसके बाद पिता ने अधिकारियों को बताया कि शादियां तय हो गई हैं और एक सप्ताह से भी कम समय में होंगी। टीम ने तुला राम को बाल विवाह के कानूनी और सामाजिक परिणामों के बारे में समझाया। इसके बाद उसने एक शपथ पत्र पर साइन किया कि वह अपनी बेटियों की शादी 18 साल की होने से पहले नहीं होने देंगे।

तुला राम की चारों बेटियां अब फिर से स्कूल में वापस आ गई हैं। दूसरी बेटी एक सामाजिक कार्यकर्ता बनना चाहती है और अन्य लड़कियों को अनचाही शादी से बचाना चाहती है। संस्थान ने तुला राम को नौकरी ढूंढने में भी मदद की।

शर्मा ने कहा कि तुला राम की दूसरी बेटी की लड़ाई ग्रामीणों को याद दिलाती रहेगी कि ज्ञान, साहस और सामुदायिक समर्थन से लड़कियां भविष्य को फिर से लिख सकती हैं। शर्मा ने कहा, "अपनी बहनों को बचाने का उसका सपना इस बात का सबूत है कि एक आवाज भी क्रांति ला सकती है।"