जयपुर के ड्राई फ्रूट व्यापारी तक पहुंची महादेव ऐप की जांच, ED का छापा,क्या निकला कनेक्शन?
- महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज जयपुर के एक ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर ईडी ने छापा मारा। छत्तीसगढ़ से आई ईडी टीम ने सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में व्यापारी के फ्लैट की तलाशी भी ली। कार्रवाई के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम भी मौके पर तैनात रही।

महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में आज जयपुर के एक ड्राई फ्रूट व्यापारी के घर पर ईडी ने छापा मारा। छत्तीसगढ़ से आई ईडी टीम ने सोडाला स्थित एपल रेजीडेंसी में व्यापारी के फ्लैट की तलाशी भी ली। कार्रवाई के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम भी मौके पर तैनात रही। सूत्रों के अनुसार,व्यापारी के बैंक खातों और लेन-देन की जानकारी महादेव ऐप से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों की ओर इशारा करती है। ईडी को जयपुर में मनी लॉन्ड्रिंग,क्रिप्टोकरेंसी और शैल कंपनियों के जरिए किए जा रहे ट्रांजेक्शनों के महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं,जिसके आधार पर यह छापेमारी की गई है। यह जयपुर में लगातार दूसरा दिन है जब ईडी की टीमें सक्रिय हैं। इससे पहले मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर भी ईडी ने दबिश दी थी।
देशभर में फैला छापेमारी का दायरा
ईडी द्वारा यह कार्रवाई केवल जयपुर तक सीमित नहीं है। बुधवार को देश के पांच राज्यों—छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश (भोपाल), पश्चिम बंगाल (कोलकाता), दिल्ली और राजस्थान—में महादेव ऐप से जुड़े कुल 60 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इस व्यापक अभियान में कई रसूखदार लोगों के नाम सामने आए हैं। ईडी को जांच के दौरान कई नेताओं,वरिष्ठ नौकरशाहों,पुलिस अधिकारियों और महादेव बेटिंग ऐप के मुख्य ऑपरेटरों के बीच गठजोड़ के साक्ष्य मिले हैं।
डिजिटल सबूतों में चौकाने वाले संकेत
छापे के दौरान बड़ी मात्रा में डिजिटल डाटा,दस्तावेज और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड ईडी के हाथ लगे हैं। इन दस्तावेजों से प्रारंभिक तौर पर यह संकेत मिले हैं कि अवैध सट्टा रैकेट में कई प्रभावशाली लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल रहे हैं। ईडी अधिकारियों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी ने कुछ नामों को गुप्त रखा है,लेकिन यह तय माना जा रहा है कि जयपुर समेत देश के अन्य हिस्सों में और भी बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
महादेव ऐप मामला क्या है?
महादेव बेटिंग ऐप को लेकर पिछले कुछ महीनों से जांच एजेंसियां सक्रिय हैं। यह ऐप ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए के नेटवर्क को संचालित करता था, जिसकी कमाई का बड़ा हिस्सा हवाला,शैल कंपनियों और क्रिप्टो के जरिए सफेद किया जाता था। इसके तार देशभर के कई राज्यों में फैले हुए हैं और अब इसमें राजनीतिक और व्यापारिक गठजोड़ भी सामने आने लगे हैं।