साइबर ठग दे रहे हैं ज्यादा कमीशन का लालच; ई-मित्र संचालकों को ऐसे ठग रहे हैं
- ऑनलाइन पेमेंट पर ज्यादा कमीशन का लालच देकर ई-मित्र संचालकों के यहां खुद का ऐप डाउनलोड करा रहे हैं और वॉलेट में पेमेंट आने के बाद ऐप को डिलीट कर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं।

राजस्थान में साइबर ठगों ने फ्रॉड का एक और नया तरीका ईजाद कर लिया है। ऑनलाइन पेमेंट पर ज्यादा कमीशन का लालच देकर ई-मित्र संचालकों के यहां खुद का ऐप डाउनलोड करा रहे हैं और वॉलेट में पेमेंट आने के बाद ऐप को डिलीट कर साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। अलवर जिले में हाल ही ई-मित्र संचालकों के साथ साइबर ठगी के ऐसे मामले सामने आए हैं। इस ऐप के वॉलेट के जरिए 7 से 10 दिन तक तो ऑनलाइन पेमेंट सही तरीके से होता है। इसके बाद कुछ दिन पेमेंट पेंडिंग में चला जाता है और फिर शातिर ठग अपने मनी ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डिलीट कर डेटा क्लियर कर देते हैं।
अलवर जिले में हाल ही शातिर ठगों ने 20 से ज्यादा ई-मित्र संचालकों के पास जाकर एएफटी-पे के नाम से खुद का ऐप डाउनलोड करा 5 लाख रुपए से ज्यादा की साइबर ठगी को अंजाम दे डाला। ठगी के शिकार ई-मित्र संचालकों ने इसकी शिकायत पुलिस को भी दी है।
ई-मित्र संचालकों को कुछ ऐप वॉलेट के जरिए ऑनलाइन पेमेंट कराने पर एक हजार रुपए पर 10 रुपए कमीशन मिलता है। ई-मित्र संचालक लोगों से इन मनी ऐप के वॉलेट के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करा उन्हें नकद राशि देने का काम करते हैं। पिछले दिनों अलवर में प्रसून दलाल नामक युवक ई-मित्र संचालकों के पास पहुंचा।
ई-मित्र संचालकों को एक हजार रुपए पर 14 रुपए कमीशन का लालच देकर उनके मोबाइल में गूगल प्ले स्टोर से उसने खुद की कपनी का एएफटी-पे ऐप डाउनलोड करा दिया। ज्यादा कमीशन के लालच में ई-मित्र संचालक एएफटी-पे वॉलेट के जरिए ट्रांजेक्शन करने लगे। ई-मित्र संचालकों के साथ लाखों रुपए की ऑनलाइन ठगी कर करते हुए हुए ठगों ने एएफटी-पे ऐप को प्ले स्टोर से डिलीट कर दिया।