
DRDO गेस्ट हाउस के मैनेजर को पुलिस ने हिरासत में लिया, PAK के लिए जासूसी का शक
संक्षेप: राजस्थान के जैसलमेर जिले में डीआरडीओ के गेस्ट हाउस के मैनेजर को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के शक में हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए शख्स का नाम महेंद्र प्रसाद है।
राजस्थान के जैसलमेर जिले में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के गेस्ट हाउस के मैनेजर को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के शक में हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए शख्स का नाम महेंद्र प्रसाद है।

राजस्थान पुलिस के अनुसार, उत्तराखंड के अल्मोड़ा का रहने वाला महेंद्र प्रसाद जैसलमेर के चांधन इलाके में डीआरडीओ गेस्ट हाउस के प्रबंधक के पद पर तैनात है।
जैसलमेर के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शिवहरे ने कहा, ‘‘प्रसाद को सोमवार को हिरासत में लिया गया था। आज उससे संयुक्त पूछताछ की जाएगी।’’
पुलिस ने कहा, ‘‘प्रसाद पर क्षेत्र में रणनीतिक अभियानों और गतिविधियों से संबंधित संवेदनशील जानकारी देने का संदेह है।’’
गौरतलब है कि डीआरडीओ जैसलमेर के पोकरण फायरिंग रेंज में मिसाइलों और हथियारों का ट्रायल और टेस्ट करता है और इस प्रक्रिया में शामिल विशेषज्ञ और अधिकारी गेस्ट हाउस में ठहरते हैं।
जून में नौसेना भवन का कर्मचारी हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि, इससे पहले जून महीने के आखिर में नई दिल्ली स्थित नौसेना भवन में काम करने वाले एक क्लर्क-यूडीसी विशाल यादव को भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी ने पैसों के लिए एक पाकिस्तानी जासूस को संवेदनशील रक्षा संबंधी जानकारी उपलब्ध करवाई थी। राजस्थान पुलिस की खुफिया शाखा ने आरोपी विशाल यादव को 25 जून को गिरफ्तार किया था।
पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी-सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने बताया था कि आरोपी यादव ने एक पाकिस्तानी महिला जासूस को गोपनीय जानकारी साझा की थी, जिसमें "ऑपरेशन सिंदूर" से संबंधित डिटेल शामिल है। इस कथित महिला जासूस ने खुद को भारतीय युवती प्रिया शर्मा बताया था। गुप्ता ने कहा, "यादव ने जानकारी देने के बदले कुल मिलाकर लगभग दो लाख रुपये प्राप्त करने की बात कबूल की है।"
उन्होंने कहा, “इसमें ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित जानकारी लीक करने के लिए 50,000 रुपये शामिल थे। कुछ भुगतान यूएसडीटी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में भी किए गए थे।”
खुफिया सूत्रों के अनुसार, विशाल यादव से पहली बार फेसबुक के जरिये संपर्क किया गया और कथित जासूस ने नकली पहचान "प्रिया शर्मा" के रूप आरोपी को 'फ्रेंड रिक्वेस्ट' भेजी। दोनों के बीच नियमित संवाद होने लगा और वे वॉट्सऐप और बाद में टेलीग्राम पर भी बातचीत करने लगे।
अधिकारियों के अनुसार, विशाल यादव को शुरुआत में 'मामूली' जानकारी के लिए 5000-6000 रुपये मिले। हालांकि, पाकिस्तानी जासूस ने कथित तौर पर उसे अधिक पैसा पाने के बदले में अधिक 'महत्वपूर्ण' खुफिया जानकारी देने के लिए उकसाया। इसके बाद विशाल ने महत्वपूर्ण रक्षा-संबंधी जानकारी साझा करना शुरू कर दिया।
पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी-सुरक्षा) गुप्ता ने कहा, "उसे पैसे का लालच दिया गया और उसने नौसेना मुख्यालय से संवेदनशील जानकारी लीक कर दी।"
आरोपी मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले के पुनसिका गांव का रहने वाला है।बताया जाता है कि वह ऑनलाइन गेमिंग का भी आदी है।
(भाषा के इनपुट के साथ)





