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छोटे-छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं: अजमेर शरीफ विवाद पर क्या बोल गए रामगोपाल यादव

अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए दायर याचिका कोर्ट में मंजूर होने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली/जयपुर, एएनआईThu, 28 Nov 2024 10:36 AM
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अजमेर शरीफ दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए दायर याचिका कोर्ट में मंजूर होने के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। इस मामले को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। विवाद पर अपनी बात रखते हुए समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने जजों को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। यादव ने एएनआई से बातचीत में कह दिया कि छोटे छोटे जज देश में आग लगवाना चाहते हैं। हाल में उन्होंने रिटायर हो चुके चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर भी विवादित टिप्पणी कर दी थी और बाद में यूटर्न ले लिया था।

अजमेर शरीफ मुद्दे पर एएनआई से बातचीत में सपा नेता राम गोपाल यादव ने कहा, 'ऐसा है मैंने पहले भी कहा था, इस तरह के छोटे-छोटे जज बैठे हैं जो इस देश में आग लगवाना चाहते हैं। कोई मतलब नहीं है इसका। अजमेर शरीफ पर हमारे प्रधानमंत्री स्वयं चादर भिजवाते हैं। देश दुनिया से लोग वहां आते हैं। उसको विवादों में डालना बहुत ही घृणित और ओछी मानसिकता का प्रतीक है। सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा समर्थित लोग कुछ भी कर सकते हैं, देश में आग लग जाए इससे इन्हें कोई मतलब नहीं है। सत्ता में बने रहें बस।' उनसे सवाल किया गया था कि नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा है कि उन्हें इस मामले में पक्षकार नहीं बनाया गया है।

राजस्थान के अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा करते हुए एक वाद स्थानीय अदालत में दायर किया गया है। अदालत ने बुधवार को याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए तीन पक्षकारों को नोटिस जारी किया। वादी विष्णु गुप्ता के वकील योगेश सिरोजा ने अजमेर में बताया कि वाद पर दीवानी मामलों के न्यायाधीश मनमोहन चंदेल की अदालत में सुनवाई हुई। सिरोजा ने कहा, 'दरगाह में एक शिव मंदिर होना बताया जा रहा है। उसमें पहले पूजा पाठ होता था… पूजा पाठ दोबारा शुरू करवाने के लिये वाद सितंबर 2024 में दायर किया गया। अदालत ने वाद स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किए हैं।' उन्होंने बताया कि इस संबंध में अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कार्यालय-नयी दिल्ली को समन जारी हुए हैं।

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