महिलाओं को 1000 रुपए हर माह देने का ऐलान करेगी मान सरकार? बजट पर सभी की निगाहें
- सबकी निगाहें आप द्वारा चुनाव से पहले की गई घोषणा पर टिकी होंगी, जिसमें उसने पंजाब की महिलाओं को 1000 रुपए हर माह देने की बात कही थी।

पंजाब सरकार 26 मार्च बुधवार को अपना बजट पेश करने जा रही है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा विधानसभा में बजट पेश करेंगे। ऐसे में सबकी निगाहें आप द्वारा चुनाव से पहले की गई घोषणा पर टिकी होंगी, जिसमें उसने पंजाब की महिलाओं को 1000 रुपए हर माह देने की बात कही थी। तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने अभी तक अपना वादा पूरा नहीं किया है। विपक्ष लगातार इस मुद्दे पर सरकार को घेर रहा है।
वहीं, पड़ोसी राज्य हरियाणा ने अपने हालिया बजट में हरियाणा की महिलाओं को 2100 रुपये प्रतिमाह देने के लिए फंड आवंटित किया है। इसके बाद से पंजाब पर अपने वादे को पूरा करने का दबाव बढ़ गया है। हालांकि, पंजाब की वित्तीय स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी के लिए यह वादा पूरा करना आसान नहीं होगा।
अरुणाचल प्रदेश के बाद पंजाब दूसरा सबसे अधिक कर्जदार राज्य
जब पंजाब में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 2.92 लाख करोड़ रुपए का कर्ज था। तीन साल बाद राज्य सरकार ने लगभग 90,000 करोड़ रुपए उधार लिए हैं, जिससे ये आंकड़ा 3.78 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अरुणाचल प्रदेश के बाद पंजाब दूसरा सबसे अधिक कर्जदार राज्य बन गया है।
वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने इसके लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों ने पंजाब पर करीब 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज छोड़ दिया है। इस कर्ज पर ब्याज सालाना 20,000 करोड़ रुपए है, जो पंजाब के वित्त पर बहुत बड़ा बोझ है। मूलधन चुकाने की कोशिश की जा रही है लेकिन बजट का एक बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में जा रहा है। इससे पंजाब के संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है। आज पंजाब इस स्थिति में इसलिए है, क्योंकि ये भारी कर्ज पिछली सरकारों ने लिए थे।
कृषि, इंडस्ट्री सैक्टरों के साथ एजुकेशन और हैल्थ पर रहेगा फोकस
पंजाब सरकार का इस बार का बजट अब तक का सबसे बड़े आकार का होने की संभावना है क्योंकि आम आदमी पार्टी चुनाव से पहले किए वायदों को पूरा करने और राज्य में कृषि व इंडस्ट्री सैक्टरों के साथ-साथ एजुकेशन और हैल्थ पर भी पंजाब सरकार फोकस करते हुए चल रही है। इंडस्ट्री ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के बजट में प्रावधान किए गए हैं जिससे न सिर्फ नई बल्कि मौजूदा इंडस्ट्री को भी प्रोत्साहन हासिल होगा।
इसके साथ ही बिजली की सबसिडी के लगातार बढ़ रहे ग्राफ को कम करने के प्रयास के तहत सोलर पावर पर भी फोकस रखा जाएगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि पंजाब सरकार का वर्ष 2025-26 के लिए पेश किया जाने वाला बजट सवा दो लाख करोड़ के आकार का होगा। बजट का आकार बढ़ाने में राजस्व व टैक्स वसूली में किए गए सुधारों का योगदान साफ झलकेगा।
विपक्ष बोला, हमें इस सरकार से उम्मीद नहीं
पंजाब बीजेपी विधायक और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार विफल साबित हुई है। उन्होंने वित्तीय स्वास्थ्य सुधारने का वादा किया था लेकिन स्थिति ऐसी है कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब है और वे भारी कर्ज में डूबे हुए हैं। बजट में सबकी निगाहें इस बात पर होंगी कि क्या वे महिलाओं को 1000 रुपये प्रति माह देने का चुनाव से पहले वादा पूरा करते हैं? हमें इस सरकार से बहुत उम्मीदें नहीं हैं।
वहीं, कांग्रेस कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि ये एक फ्लॉप सरकार है। जब वे सत्ता में आए थे तो उन्होंने कहा था कि वे कर्ज को शून्य कर देंगे, लेकिन उन्होंने बहुत ज्यादा कर्ज लिया और आज पंजाब लगभग 3.75 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में डूबा हुआ है। इसके लिए सरकार में दूरदर्शिता की कमी और मुफ्तखोरी जिम्मेदार है। शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि पंजाब को केंद्र से वित्तीय पैकेज की जरूरत है। पंजाब की आप सरकार ने बड़े-बड़े वादे किए और उन्हें पूरा करने के लिए भारी कर्ज लिया।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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