FIR में देरी क्यों, दो दिन में जवाब दे पंजाब सरकार; कर्नल से मारपीट करने पर हाई कोर्ट का कड़ा रुख
- पटियाला के हरबंस ढाबा के बाहर पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने कर्नल पुष्पिंदर सिंह और उनके बेटे के साथ मारपीट की और उनका आई कार्ड तक छीन लिया।

पटियाला में भारतीय सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ मारपीट करने का मामला अब पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया है। कर्नल पुष्पिंदर सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि वे सर्विंग आर्मी कर्नल हैं और बेहद संवेदनशील पद पर तैनात हैं। 13 और 14 मार्च की रात पटियाला के हरबंस ढाबा के बाहर पंजाब पुलिस के चार इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट की और उनका आई कार्ड तक छीन लिया। उनका फर्जी एनकाउंटर करने की धमकियां दी गईं।
यह बेहद ही गंभीर मामला है। मामले में पंजाब पुलिस के अधिकारी और कर्मी ही आरोपी हैं, पुलिस उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। ऐसे में इस मामले की पंजाब पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर कर सकती है। लिहाजा इस पूरे मामले को सीबीआई जांच की मांग की गई और अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की गई है। हाईकोर्ट इस याचिका पर सुनवाई करते हुए
कर्नल पुष्पिंदर बाठ पर कथित रूप से हमला करने वाले पंजाब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी पर पंजाब सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी। जस्टिस संदीप मौदगिल ने इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। किन अधिकारियों को घटना की जानकारी दी गई थी, लेकिन उन्होंने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया? एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई, जबकि पीड़ित सेना अधिकारी और उनके बेटे की मेडिकल रिपोर्ट रिकॉर्ड में मौजूद थी।घटना में शामिल पुलिस अधिकारियों का मेडिकल अल्कोहल टेस्ट क्यों नहीं किया गया? अगर किया गया था, तो उसकी रिपोर्ट रिकॉर्ड पर क्यों नहीं रखी गई?
याचिका क्यों खारिज नहीं किया जाना चाहिए?
कोर्ट ने कहा कि यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली और सरकारी अधिकारियों की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। पंजाब सरकार को दो दिन का समय देते हुए यह स्पष्ट करने को कहा है कि जांच को सीबीआई को सौंपने की याचिका को क्यों खारिज नहीं किया जाना चाहिए। कोर्ट ने विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।
मामले को पुलिस बनाम सेना न बनाएं: पंजाब पुलिस
वहीं, इस मामले में पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने कहा है कि पटियाला में कर्नल से मारपीट मामले में दोषियों पर कार्रवाई जरूर की जाएगी, पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। उन्हें ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया गया है। एसआईटी गठित कर दी है, जिसकी जांच पूरी होने पर रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी ने कर्नल से मारपीट के मामले को पुलिस बनाम सेना नहीं बनाने की अपील की है और कहा कि पुलिस भी भारतीय सेना का सम्मान करती है। डीजीपी ने कहा है कि मैं आर्मी का सम्मान करता हूं और मैं भी आर्मी बैकग्राउंड से हूं, मेरे पिता एक आर्मी अफसर हैं। मुझे इस घटना को लेकर काफी दुख है लेकिन इस विषय को पुलिस विभाग और आर्मी की लड़ाई नहीं बनाना चाहिए, जिन्होंने गलती की है उन्हें सजा जरूर मिलेगी।
कर्नल की पत्नी ने खोल रखा है पुलिस ने खिलाफ मोर्चा
इस मामले में कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ की पत्नी जसविंदर कौर बाथ ने पुलिस अधिकारियों की क्लास लगा दी थी, उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि हम तब तक लड़ेंगे, जब तक हमें इंसाफ नहीं मिल जाता।पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया था। यही वजह थी कि एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई। साथ ही पुलिस ने इस मामले को कमजोर करने की हर संभव कोशिश भी की। उन्होंने कहा कि मैं तो उन अफसरों को साफ तौर पर कह देना चाहती हूं कि जैसी उनकी हरकत हैं, उसे लेकर वो थप्पड़ खाएंगे।
रिपोर्ट: मोनी देवी
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