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कांग्रेस हाईकमान ने दिग्गजों से काटी कन्नी, क्यों CM के लिए पहली पसंद बने चरणजीत सिंह चन्नी

कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से ही पंजाब में प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी समेत कई दिग्गज चेहरों के नाम लिए जा रहे थे। लेकिन रविवार को शाम...

कांग्रेस हाईकमान ने दिग्गजों से काटी कन्नी, क्यों CM के लिए पहली पसंद बने चरणजीत सिंह चन्नी
हिन्दुस्तान ,चंडीगढ़Sun, 19 Sep 2021 08:22 PM

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कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद से ही पंजाब में प्रताप सिंह बाजवा, सुखजिंदर रंधावा, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी समेत कई दिग्गज चेहरों के नाम लिए जा रहे थे। लेकिन रविवार को शाम होते-होते सारे समीकरण धरे रह गए और कांग्रेस ने सरप्राइज देते हुए चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का सीएम बनाए जाने का फैसला लिया है। वह राज्य के पहले दलित सीएम होंगे। पंजाब की राजनीति पर पकड़ रखने वाले जानकारों का कहना है कि कांग्रेस ने उन्हें इसलिए सीएम बनाया है ताकि बड़े नेताओं की गुटबाजी को दूर किया जा सके। यही मकसद था कि दिग्गजों के क्लब में किसी भी नेता को सीएम बनाने की बजाय अपेक्षाकृत नए नेता चरणजीत सिंह चन्नी को चुना है।

चमकौर सीट से तीसरी बार विधायक बने चरणजीत सिंह चन्नी रमदसिया सिख समुदाय से आते हैं। यही वजह है कि उनकी पकड़ हिंदू दलितों के अलावा सिखों के बीच भी अच्छी खासी है। इसके अलावा वह साफ छवि के नेता रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें सीएम बनाकर एक साथ कई समीकरणों को साधने का प्रयास किया है। दरअसल राज्य में लंबे समय से किसी दलित नेता को सीएम या फिर डिप्टी सीएम जैसा पद दिए जाने की मांग विपक्षी दलों की ओर से उठती रही है। यहां तक कि अकाली दल ने तो ऐलान किया था कि यदि वह सत्ता में आता है तो फिर किसी दलित लीडर को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। ऐसे में कांग्रेस का यह दांव उसके ऐलान की काट करने वाला साबित हो सकता है।

सिद्धू, कैप्टन, बाजवा और जाखड़ की खेमेबंदी से निकलेगी पार्टी?

एक तरफ राज्य में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिद्धू की अदावत जगजाहिर रही है तो वहीं प्रताप सिंह बाजवा से भी सिद्धू के अच्छे संबंध नहीं रहे हैं। इसके अलावा जाखड़ को सीएम बनाए जाने की स्थिति में सिखों की नाराजगी का खतरा है। इसलिए चन्नी को सीएम बनाकर कांग्रेस ने एक तरफ गुटबाजी को खत्म किया है तो वहीं दलितों के साथ ही सिखों को भी साधने का काम किया है। बता दें कि राज्य में दलितों की आबादी 30 फीसदी के करीब रही है और अब तक राज्य में समुदाय का कोई सीएम बनाया जाना एक मुद्दा रहा है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि अगले साल होने वाले चुनावों में चन्नी किस तरह से कांग्रेस को फायदा दिला पाते हैं। 

कैप्टन के विरोध भी की निकलेगी हवा?

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा देने के कुछ घंटे बाद ही सिद्धू को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की स्थिति में विरोध की बात कही थी। उन्होंने सिद्धू की तीखी आलोचना करते हुए कहा था कि वह मंत्री के तौर पर भी एक आपदा ही थे। यही नहीं उन्होंने कहा कि पंजाब सीमांत राज्य है और सिद्धू को सीएम बनाया जाना देश के लिए खतरा हो सकता है। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि नवजोत सिद्धू के पाकिस्तान के पीएम इमरान खान से संबंध रहे हैं और उन्हें सीएम बनना ठीक नहीं होगा। ऐसे में चन्नी को सीएम बनाए जाने से कैप्टन अमरिंदर के विरोध की भी हवा निकालने का प्रयास कांग्रेस ने किया है।

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