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Hindi News पंजाबअमरिंदर के ऐलान से पंजाब कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे चन्नी; ; चुनाव रणनीति पर मंथन

अमरिंदर के ऐलान से पंजाब कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे चन्नी; ; चुनाव रणनीति पर मंथन

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नए ऐलान के बाद ऐसा लगता है कि पंजाब कांग्रेस में खलबली मच गई है। कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में साफ किया था...

अमरिंदर के ऐलान से पंजाब कांग्रेस में खलबली, राहुल गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे चन्नी; ; चुनाव रणनीति पर मंथन
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीThu, 28 Oct 2021 07:15 PM

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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नए ऐलान के बाद ऐसा लगता है कि पंजाब कांग्रेस में खलबली मच गई है। कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में साफ किया था कि वो जल्दी ही नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे और उनकी पार्टी राज्य की सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पंजाब में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। अब अमरिंदर सिंह के इस ऐलान के बाद पंजाब कांग्रेस सतर्क हो गई है। पंजाब में तेजी से बदले रहे राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच राज्य के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने दिल्ली आकर पार्टी नेता राहुल गांधी से मुलाकात की है।

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में राहुल गांधी के आवास पर यह अहम बैठक हुई है। इस बैठक में आने वाले पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी की रणनीतियों को लेकर मंथन किया गया है। बताया जा रहा है कि यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली है। चन्नी और राहुल गांधी के अलावा इस बैठक में कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के पंजाब इन-चार्ज हरीश चौधरी भी मौजूद थे। बता दें कि इससे पहले पंजाब कांग्रेस इन-चार्ज हरीश चौधरी ने सोनिया गांधी से बुधवार को 10 जनपथ जाकर मुलाकात की थी। 

पंजाब चुनाव में इस बार इस बात को लेकर संभावना जाहिर की जा रही है कि अमरिंदर सिंह भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, अभी अमरिंदर सिंह ने बीजेपी से गठबंधन का ऐलान नहीं किया है। कयास यह लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी के साथ सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह समहति बना सकते हैं। जाहिर है इस बात को लेकर कांग्रेस खेमे में खलबली है।

इसके अलावा पाकिस्तान बॉर्डर से लगे होने की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के साथ ही कैप्टन ने अब कृषि कानूनों पर भी दांव चल दिया है, जो पिछले एक साल से राज्य का सबसे प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। कृषि कानूनों में एमएसपी प्रमुख मुद्दा है। कई बार किसान लिखित में एमएसपी गारंटी की मांग कर चुके हैं। अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह बीजेपी से इसको मनवाने में सफल होते हैं तो ये उनके लिए बड़ी उपलब्धि होगी। अमरिंदर की कोशिश अब गैर कांग्रेसी, गैर अकाली दल की स्थापना करने का है।

एक बात यह भी है कि कैप्टन ने खुद कहा था कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे अलग हुए अकाली समूहों, विशेष रूप से ढींडसा और ब्रह्मपुरा गुट के साथ गठबंधन की संभावना भी देख रहे हैं। इधर कांग्रेस पार्टी पंजाब में पिछले कई दिनों से आंतरिक कलह से जूझ रही है। हालांकि, पार्टी ने चरणजीत सिंह चन्नी के तौर पर एक दलित चेहरे को सीएम बनाकर पार्टी की अंदरुनी कलह को शांत जरुर करवाया है। लेकिन सिद्धू के बार-बार रुठने वाले रवैये ने इसके बावजूद पार्टी की टेंशन को कम नहीं होने दिया।

फिलहाल तो सिद्धू शांत हैं पर अभी चुनाव में कुछ महीने बाकी हैं ऐसे में कांग्रेस हर कदम फूंक-फूंक कर रख रही है और हर चुनौती पर ठोस रणनीति बनाकर ही काम करने पर विचार कर रही है।

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