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सिद्धू की मैराथन बैठक के बाद अब 'कैप्टन' की बारी, दिल्ली में आलाकमान से मिल सहमति के फॉर्मूले पर करेंगे चर्चा

नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब बारी है कैप्टन अमरिंदर सिंह की। जी हां, पार्टी के दो नेताओं के बीच सुलह का फॉर्मूला क्या होगा? इसपर पार्टी आलाकमान की माथापच्ची जारी है। हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने...

सिद्धू की मैराथन बैठक के बाद अब 'कैप्टन' की बारी, दिल्ली में आलाकमान से मिल सहमति के फॉर्मूले पर करेंगे चर्चा
लाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीSat, 03 Jul 2021 06:50 PM

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नवजोत सिंह सिद्धू के बाद अब बारी है कैप्टन अमरिंदर सिंह की। जी हां, पार्टी के दो नेताओं के बीच सुलह का फॉर्मूला क्या होगा? इसपर पार्टी आलाकमान की माथापच्ची जारी है। हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने दिल्ली आकर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कहा जा रहा था कि इस मुलाकात के बाद अब सिद्धू को पंजाब कांग्रेस में कोई बड़ा ओहदा दिया जा सकता है। हालांकि, पंजाब कांग्रेस में अमरिंदर सिंह खेमे की मजबूत स्थित की देखते हुए पार्टी के लिए यह इतना आसान भी नहीं होने वाला। 

बहरहाल, इन सब के बीच अब खबर यह है कि सिद्धू के बाद अब पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह दिल्ली में मोर्चा संभालेंगे। न्यूज एजेंसी 'ANI' से बातचीत में कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक करीबी ने बताया कि 'कैप्टन' अगले हफ्ते दिल्ली में पार्टी आलाकमान से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में सिद्धू और उनके बीच चल रहे टेंशन को खत्म करने पर बातचीत हो सकती है। दिल्ली में कैप्टन अमरिंदर सिंह की शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात होगी और इस मुलाकात में सिद्धू बनाम 'कैप्टन' की सियासी लड़ाई को खत्म करने के फॉर्मूले पर चर्चा की जाएगी। हालांकि, अभी तक इस मीटिंग की तारीख तय नहीं हुई है।  

इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से दिल्ली में आकर मुलाकात की थी। इसके अलावा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी राहुल गांधी के साथ दिल्ली में मैराथन बैठक की थी। पंजाब में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और पार्टी के लिए इस आपसी खींचतान को खत्म करना चुनौती बन चुका है। सिद्धू और अमरिंदर सिंह के बीच उपजे विवाद को खत्म करने के लिए पहले पार्टी ने तीन सदस्यीय पैनल बनाया था और यह पैनल पहले ही अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप भी चुकी है। 

सिद्धू के दिल्ली जाकर पार्टी आलाकमान से मुलाकात के बाद सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा हो रही थी कि सिद्धू को पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन एक तरफ जहां सिद्धू ने शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी तो वहीं दूसरी तरफ अमरिंदर सिंह ने पंजाब कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपने यहां लंच पर बुलाया था। इस लंच कार्यक्रम के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमे ने किसी हिंदू नेता को पार्टी अध्यक्ष बनाने की बात कही। ऐसा कहा जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर हिंदू नेता को चुनने की मांग को उठाने के पीछे मकसद सिद्धू को काउंटर को करना था।

दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह खेमा चाहता हैं कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ की जगह कोई हिंदू नेता ही ले। उनकी दलील है कि वह खुद सिख हैं, ऐसे में किसी दूसरे सिख को प्रदेश अध्यक्ष बनाना ठीक नहीं है। प्रदेश में 38 फीसदी हिंदू आबादी है, ऐसे में अध्यक्ष हिंदू समाज से होना चाहिए। कैप्टन खेमे ने नए प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए विजय इंदर सिंगला और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का नाम भी पेश कर दिया है। सिंगला पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री के इस कदम ने पार्टी नेतृत्व को मुश्किल में डाल दिया है।. 
 

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