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अमरिंदर ने खोले पत्ते, अपनी पार्टी बनाएंगे और किसान आंदोलन का समाधान निकल गया तो बीजेपी से करेंगे अलायंस

करीब एक महीना पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में होने वाले अगले चुनाव को लेकर पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। अपने अगले दांव पर से सस्पेंस हटाते हुए अमरिंदर...

अमरिंदर ने खोले पत्ते, अपनी पार्टी बनाएंगे और किसान आंदोलन का समाधान निकल गया तो बीजेपी से करेंगे अलायंस
लाइव हिन्दुस्तान,चंडीगढ़Wed, 20 Oct 2021 01:20 AM
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करीब एक महीना पहले पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में होने वाले अगले चुनाव को लेकर पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं। अपने अगले दांव पर से सस्पेंस हटाते हुए अमरिंदर ने कहा कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी बनाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह संकेत भी दिया कि पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) के लिए भाजपा के साथ-साथ अकाली से अलग हुए समान विचार वाले गुटों से गठबंधन करेंगे। हालांकि, अमरिंदर ने साफ किया कि  भाजपा से गठबंधन कृषि कानूनों के मुद्दे के संतोषजनक समाधान पर निर्भर करेगा।

कैप्टन अमरिंदर के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्विटर पर उनका बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है, "पंजाब के भविष्य के लिए संघर्ष जारी है। पंजाब और उसके लोगों तथा किसानों, जो एक साल से अधिक समय से अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है, के लिए जल्द ही अपनी पार्टी की घोषणा करूंगा। अगर किसान विरोध का किसानों के हित में कोई समाधान निकल जाता है तो भाजपा के साथ वर्ष 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में सीटों के समझौते को लेकर आशान्वित हूं। इसके अलावा अकाली से अलग हुए समान विचारों वाले गुटों, खासकर ढींढसा और ब्रह्मपुरा गुट, से भी अलायंस की संभावना है।" अमरिंदर ने यह भी संकेत दिया है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में लंबे समय से चल रहा किसानों का आंदोलन जल्द ही एक समाधान की ओर बढ़ सकता है।

इससे पहल 'द प्रिंट' के साथ बातचीत में अमरिंदर जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें भाजपा से हाथ मिलाने में कोई वैचारिक दिक्कत होगी, तो अमरिंदर ने जवाब दिया कि मैं पंजाब के लिए खड़ा हुआ हूं और राज्य का हित सबसे ऊपर है। अमरिंदर ने कहा कि उनका फोकस 2022 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर पंजाब में सरकार बनाने पर रहेगा। भाजपा से किसी तरह के वैचारिक दिक्कत के मामले में अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पंजाब के साथ खड़े हैं। उनके लिए पंजाब के हित ही सबसे ऊपर हैं।

मुस्लिम विरोधी नहीं है भाजपा
18 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद यह पहला मौका है, जब कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भविष्य की अपनी योजनाओं के बारे में  खुलकर बात की है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही वह कांग्रेस छोड़ने और बीजेपी में शामिल नहीं होने की बात कह चुके हैं। बीजेपी जॉइन न करने की बात को एक बार फिर उन्होंने दोहराया, लेकिन कहा कि उसके साथ गठबंधन करना चाहेंगे। अमरिंदर ने यह भी कहा कि वह भाजपा को सांप्रदायिक और मुस्लिम विरोधी नहीं मानते हैं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या आप पंजाब में मुसलमानों, सिखों और हिंदुओं के बीच कोई समस्या देखते हैं, तो अमरिंदर ने जवाब दिया, "किसान आंदोलन से पहले पंजाब में मोदी सरकार का विरोध नहीं था।"  हालांकि, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इसका समाधान खोजने की कोशिशें चल रही हैं।

पंजाब में पहुंच रहे हैं हथियार
यह पूछे जाने पर कि क्या पंजाब में फिर से आतंकवाद का दौर लौट सकता है, अमरिंदर ने कहा, " मैं तीन साल से इस मुद्दे को उठा रहा हूं। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी आंतकवादी स्लीपर सेल के जरिए पंजाब में हथियारों की खेप पहुंचा रहे हैं, लेकिन अब जिस मात्रा में हथियार आ रहे हैं वह परेशान करने वाला है।" उन्होंने एके-47, पिस्तौल, हथगोले, ड्रग्स और नकदी ले जाने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल की ओर भी इशारा किया।

अमरिंदर ने कहा, "मेरे राज्य का 600 किलोमीटर लंबा इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा है। इसको लेकर कोई साजिश रची जा रही है, जिसके बारे में हमें पता नहीं है और इसकी मुझे चिंता है। मैं इस मुद्दे पर पिछले दिनों दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से भी मिला था।"

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