बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन को लेकर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं- गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल द्वारा तल्ख बयानबाजी के बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरुवार को कहा कि पार्टी के आंतरिक मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं लाना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आप पार्टी छोड़ सकते हैं। कांग्रेस के भीतर लोकतंत्र की कमी के आरोपों को खारिज करते हुए पंजाब सीएम सिंह ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अपनी शिकायतें पार्टी प्रमुख या कार्य समिति के सामने रखने के लिए स्वतंत्र हैं।
पंजाब के मुख्यमंत्री के अनुसार, अगर आप कांग्रेसी हैं तो आप पार्टी अध्यक्ष या कांग्रेस कार्यसमिति के पास पार्टी की कार्यशैली को लेकर अपनी शिकायतें लेकर जा सकते हैं, लेकिन सार्वजनिक तौर पर इसे सामने नहीं लाना चाहिए। एक बयान में उन्होंने कहा कि उन्हें यह सीख पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिली थी, जब वह कांग्रेस के सांसद थे।
आजाद ने क्या कहा था?
हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि कांग्रेस के नेता आम लोगों से पूरी तरह से कटे हुए हैं और पार्टी में पांच सितारा संस्कृति घर कर गई है। उन्होंने संगठनात्मक ढांचे में आमूल चूल परिवर्तन का आह्वान किया। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद उनका यह बयान आया था। आजाद ने कहा कि ब्लॉक से लेकर जिला और राज्य स्तर तक चुनाव कराकर पार्टी के ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन की तत्काल जरूरत है।
सिब्बल ने उठाए थे लीडरशिप पर सवाल
बिहार हार के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने भी पार्टी लीडरशिप पर सवाल उठाए थे। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा था कि बिहार चुनाव में प्रदर्शन पर पार्टी का कोई रुख सामने नहीं आया। ऐसा लगता है कि पार्टी मान रही है कि सबकुछ ठीक है। कपिल सिब्बल ने हालिया चुनावों पर कहा था, ''सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि देश में जहां-जहां भी चुनाव और उपचुनाव हुए हैं, वहां लोग कांग्रेस को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं। यह एक निष्कर्ष है। आखिरकार, बिहार में विकल्प आरजेडी ही थी। ''