अमृतसर ब्लास्ट केस: धमाके वाली जगह से मिली चिट्ठी, अमृतपाल की रिहाई की मांग
जांच एजेंसियों के मुताबिक, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास धमाके कुछ देर पहले ही उसी इलाके के आसपास से दुबई और कनाडा में कुछ कॉल की गई थीं। डंप डाटा में यह पता चला है। पाक का नाम भी सामने आ रहा है।
अमृतसर में श्री दरबार साहिब के नजदीक हैरिटेज स्ट्रीट पर हुए धमाकों में बड़ा खुलासा हुआ है। धमाके वाली जगह से पुलिस को एक चिट्ठी मिली है, जिसमें खालिस्तानी कट्टरपंथी अमृतपाल का जिक्र किया गया है। चिट्ठी में अमृतपाल को रिहा करने की मांग की गई है। आरोपी अमृतपाल की गिरफ्तारी को लेकर दुखी थे और इसी वजह से धमाके किए। वहीं, धमाके के आरोपियों को विदेश से फंडिग होने के भी सबूत मिले हैं।
हर एंगल से जांच कर रही पुलिस
इस चिट्ठी को लेकर पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है कि आखिर यह चिट्ठी किसे भेजनी थी, पुलिस, सरकार के नुमाइंदे या किसी ओर को, लेकर पुलिस सारी परते खोलने की कोशिश करेगी। आशंका जताई जा रही है कि इस चिट्ठी के जरिए कोई नया विवाद खड़ा किया जाना था। यह भी बता पता चला है कि अमरीक सिंह और आजादवीर अमृतपाल के समर्थक थे।
दुबई और कनाडा में की गई थीं कॉल
जांच एजेंसियों के मुताबिक, अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के पास धमाके कुछ देर पहले ही उसी इलाके के आसपास से दुबई और कनाडा में कुछ कॉल की गई थीं। डंप डाटा में यह पता चला है। पाकिस्तान का नाम भी सामने आ रहा है। कुछ अहम सुराग मिले हैं जो इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पंजाब में अस्थिरता फैलाने के पीछे विदेश में बैठे तीन प्रमुख आतंकी संगठन और पाकिस्तान का हाथ है। खालिस्तान कमांडो फोर्स के स्थानीय नेटवर्क के अलावा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के स्थानीय नेटवर्क को भी खंगाला जा रहा है। धमाकों की जांच एनआईए और एनएसजी कर रही है।
खालिस्तान समर्थक है मास्टरमाइंड आजादवीर
श्री दरबार के पास हेरिटेज स्ट्रीट पर हुए 3 धमाकों का मास्टरमाइंड आजादवीर सिंह अमृतसर के वडाला कलां का रहने वाला है। वह खालिस्तान समर्थक है और उस पर पहले भी धार्मिक भावनाएं भडक़ाने का केस दर्ज है। एक मामले में वह जेल भी जा चुका है। आजादवीर सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाला को अपना आदर्श मानता है। वह नशे का आदी हो गया था। इस कारण वह अपराध की दुनिया में शामिल हो गया। गांव वडाला में उसका घर खंडहर जैसा हो चुका है। उसकी की मां दलबीर कौर और पिता जसबीर सिंह का निधन हो चुका है। इसके बाद परिवार का कोई भी सदस्य 10 साल से गांव में नहीं है। आजादवीर सिंह की बहन प्रभजोत कौर और भाई परमवीर सिंह ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं।