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आंदोलन के बीच मोबाइल टावरों पर किसानों का क्यों फूट रहा गुस्सा? 1500 से ज्यादा को पहुंचाया नुकसान, CM अमरिंदर ने दिया ऐक्शन लेने का निर्देश

केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा मोबाइल टावर पर फूट रहा है। किसानों ने आंदोलन के दौरान पंजाब में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया है। सूत्रों का...

आंदोलन के बीच मोबाइल टावरों पर किसानों का क्यों फूट रहा गुस्सा? 1500 से ज्यादा को पहुंचाया नुकसान, CM अमरिंदर ने दिया ऐक्शन लेने का निर्देश
पीटीआई,नई दिल्लीMon, 28 Dec 2020 08:27 PM
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केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों का गुस्सा मोबाइल टावर पर फूट रहा है। किसानों ने आंदोलन के दौरान पंजाब में 1500 से ज्यादा मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाया है। सूत्रों का कहना है कि इसकी वजह से कई इलाकों में सेवाएं भी बाधित हुई हैं। किसानों ने आंदोलन के दौरान बिजनेसमैन और रिलायंस जियो के मालिक मुकेश अंबानी और कारोबारी गौतम अडाणी पर विभिन्न आरोप लगाए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार के नए कृषि कानूनों की वजह से अंबानी-अडाणी को फायदा मिलेगा। इस वजह से जियो का बहिष्कार का ऐलान करने के बाद किसानों ने राज्य के कई टेलीकॉम टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पुलिस से टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ ऐक्शन लेने का निर्देश दिया है।

आंदोलन के दौरान किसानों ने टावरों को मिलने वाली पावर सप्लाई को बाधित किया। साथ ही, पंजाब के कई हिस्सो में केबल को भी नुकसान पहुंचाया। हालांकि, न तो अंबानी का रिलायंस समूह और न ही अडाणी की कंपनियां किसानों से खाद्यान्नों की खरीद के कारोबार में हैं। इस पूरे मामले से वाकिफ सूत्र ने बताया, ''कल तक (रविवार) 1,411 मोबाइल टावर को नुकसान पहुंचाया जा चुका था और आज यह गिनती बढ़कर 1,500 के पार पहुंच गई है।'' जालंधर में भी जियो के फाइबर केबल को किसानों ने जला दिया है।

रिलायंस जियो के पंजाब में 9 हजार से ज्यादा मोबाइल टावर लगे हुए हैं। वहीं, एक अन्य सूत्र ने बताया कि किसान टेलीकॉम टावर को नुकसान पहुंचाने के लिए बिजली सप्लाई रोक दे रहे हैं। कम से कम एक मामले में, टावर साइट पर लगा हुआ जेनरेटर को लोग उठा ले गए और स्थानीय गुरुद्वारे को दान दे दिया। वहीं, जियो कर्मचारियों को धमकी देने और भाग जाने के वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। सूत्र ने आगे बताया कि हमलों ने टेलीकॉम सर्विस को प्रभावित किया है और ऑपरेटर कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कार्रवाई के अभाव में सर्विस को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इससे पहले, पंजाब के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को किसानों से ऐसे कार्यों को न करने की अपील की थी, जिससे आम जनता को असुविधा हो। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने के लिए कहा था।

'पुलिस ने नहीं की कार्रवाई'

सूत्रों का कहना है कि पंजाब में टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। यहां तक कि ज्यादातर मामलों में एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई है। टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स की रजिस्टर्ड बॉडी टावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (TAIPA) के अनुसार, राज्य में कम से कम 1600 टावरों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है। इनमें कॉमन एक्सेस इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है।

हजारों किसान कर रहे कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन

बीते एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार कानूनों को रद्द करे। हालांकि, केंद्र ने किसानों को भेजे प्रस्ताव में कई संशोधन करने की बात की है, लेकिन किसानों ने उसे ठुकरा दिया है। अब एक बार फिर से 30 दिसंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में सरकार और किसान संगठनों के बीच में कानूनों को लेकर बातचीत होने जा रही है।

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