
पंजाब के 150 गांव जलमग्न, रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने उतारे पानी में चलने वाले वाहन; VIDEO
संक्षेप: पंजाब में बाढ़ की स्थिति आज और बिगड़ गई जब रावी नदी का पानी तटबंधों को तोड़कर गुरदासपुर और अमृतसर ज़िलों में कई किलोमीटर अंदर तक घुस आया, जिससे गाँव और कृषि भूमि के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए।
जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और डैमों से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण पंजाब और हिमाचल में तबाही मची हुई है। आज ब्यास नदी पर बने पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान 1390 फीट से बढ़कर 1396 फीट तक पहुंच गया है। बीबीएमबी ने फैसला लिया है कि आज दोपहर 2 बजे 1 लाख 10 हजार क्यूसिक पानी ब्यास नदी में छोड़ा जाएगा। इसके लिए हिमाचल और पंजाब के सभी गांवों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। रणजीत सागर बांध का जलस्तर भी खतरे के निशान 527 फीट के करीब पहुंच चुका है।
राज्य के आठ जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों में जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर और फाजिल्का जिलों के 150 से अधिक गांव डूब गए हैं। यहां एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना बचाव कार्य में जुटी है। रावी नदी में उफान के कारण बुधवार को पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स के चार गेट टूट गए जिससे वहां तैनात 50 कर्मचारी फंस गए। उन्हें हेलीकॉप्टर से निकाल लिया गया। वहीं, गुरदासपुर जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय दबुड़ी में रात से फंसे 381 विद्यार्थियों और 70 शिक्षकों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
2000 से अधिक लोगों का रेस्क्यू, सेना ने उतारे अत्याधुनिक वाहन
बढ़ते संकट के बीच सेना, एनडीआरएफ और पुलिस की टीम राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। फिरोजपुर में अब तक 2000 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर राहत कैंपों में पहुंचाया गया है। दूसरी तरफ, अमृतसर जिले के रामदास-अजनाला जिले में 40 गांव जलमग्न हो चके हैं। वहां भी सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना ने इन जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को रेस्क्यू करने के लिए अत्याधुनिक वाहन उतारे हैं, जो पानी में भी चल सकते है। इन अत्याधुनिक वाहनों के साथ मोर्चे पर डटी सेना बचाव अभियान चला रही है। जवानों को अपने घरों में फंसे लोगों को बचाने के लिए सेना के इन वाहनों और नावों का इस्तेमाल करते देखा गया।
प्रशासन ने खाली कराए गए गांव
दूसरी तरफ, रावी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रशासन ने कुछ गांव खाली कराए हैं। अमृतसर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में प्रशासन और सेना के जवान मोर्चे पर डटे हुए हैं। पठानकोट और गुरदासपुर में बाढ़ से तबाही जारी है। बुधवार को रावी नदी पर बने माधोपुर हेडवर्क्स का गेट टूट गया था। वहीं, पानी भरने के कारण पठानकोट-जम्मू हाईवे पर भी यातायात बाधित है।
कांगड़ा जिले के तीन उपमंडलों को एडवायजरी जारी
हिमाचल प्रदेश के मंडी, कुल्लू और मनाली में भारी बारिश के चलते ब्यास नदी के पानी में बेहताशा इजाफा होने से अब कांगड़ा जिले के तीन उपमंडलों को लेकर एडवायजरी जारी की गई है। पौंग डैम में पानी ब्यास दरिया में छोड़ा जायेगा। इस से कांगड़ा के इंदौरा, फतेहपुर और देहरा में कई इलाके जलमग्न हो सकते हैं। इंदौरा उपमंडल प्रशासन ने ब्यास प्रभावित क्षेत्र की 17 ग्राम पंचायतों के लिए चेतावनी जारी की है।
60 कर्मियों को सेना ने हवाई मार्ग से बाहर निकाला
जम्मू में रावी नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद 2.12 लाख क्यूसेक पानी पहुँचने से 150 साल पुराने माधोपुर हेडवर्क्स के तीन जलद्वार बह गए। अधिकारियों ने कल देर शाम यहाँ 54 जलद्वारों में से कुछ को खोलने के लिए राज्य भर से 90 लोगों को बुलाया था। ये द्वार भारी मात्रा में गाद जमा होने के कारण बंद हो गए थे। हालांकि उन्होंने काम जारी रखा, लेकिन कई फुट ऊँची गाद जमा होने के कारण उनके लिए द्वार खोलना असंभव हो गया। जैसे-जैसे जल स्तर बढ़ता गया और द्वारों पर काम कर रहे तीन लोग तेज़ पानी में गिर गए, अभियान रोक दिया गया और काम पर लगे 60 कर्मियों को सेना द्वारा हवाई मार्ग से बाहर निकाला गया। गिरे हुए लोगों में से दो को बचा लिया गया, जबकि एक चार्जमैन लापता ब
रिपोर्ट: मोनी देवी

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