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इस बार पाकिस्तान नहीं जा पाएंगे सिख तीर्थयात्री, पंजाब में मचा बवाल; क्या है सरकार का आदेश?

इस बार पाकिस्तान नहीं जा पाएंगे सिख तीर्थयात्री, पंजाब में मचा बवाल; क्या है सरकार का आदेश?

संक्षेप: यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच खेला गया। धार्मिक और राजनीतिक वर्ग सवाल उठा रहे हैं कि जब खेल संबंध बहाल किए जा सकते हैं, तो श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों लगाई जा रही है।

Tue, 16 Sep 2025 11:38 AMAmit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, चंडीगढ़
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गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव (गुरुपरब) पर पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब और करतारपुर साहिब जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को इस वर्ष केंद्र सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिलेगी। गृह मंत्रालय ने 12 सितंबर को एक परामर्श जारी कर पंजाब सहित दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकारों को निर्देश दिया कि नवंबर में श्रद्धालुओं को पाकिस्तान यात्रा की अनुमति न दी जाए। गृह मंत्रालय ने इस कदम के पीछे सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है। मंत्रालय ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले और "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़े तनाव को आधार बताया है।

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राजनीतिक और धार्मिक नेताओं का विरोध

गृह मंत्रालय की इस सलाह के बाद पंजाब में सियासी तूफान खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए केंद्र पर "दोहरी नीति" अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेले जा सकते हैं, तो फिर सिख श्रद्धालुओं को करतारपुर साहिब और ननकाना साहिब जाने से क्यों रोका जा रहा है?”

मान ने सवाल उठाया कि सरकार के लिए क्रिकेट और कारोबार प्राथमिकता क्यों है, जबकि आस्था और भक्ति पीछे छूट रही है। उन्होंने कहा, “करतारपुर और ननकाना हमारे लिए आस्था के पवित्र केंद्र हैं, न कि क्रिकेट या व्यापार के मंच। राजनीति और खेल इंतजार कर सकते हैं, लेकिन भक्ति नहीं।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान के साथ खेले जाने वाले मैचों से होने वाली कमाई अंततः आतंक और नशे को बढ़ावा देने में ही इस्तेमाल होगी।

अकाली दल और अन्य दलों की प्रतिक्रिया

वहीं, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने गृह मंत्री अमित शाह से इस फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “सिख श्रद्धालु श्री ननकाना साहिब पर माथा टेकने को उत्सुक हैं। उन्हें इस पावन अवसर पर रोकना धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना होगा। जब भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध बहाल हो चुके हैं, तो करतारपुर कॉरिडोर को भी श्रद्धालुओं के लिए खोलने पर विचार होना चाहिए।” पंजाब के अन्य विपक्षी दलों और सिख धार्मिक नेताओं ने भी केंद्र सरकार के इस कदम की निंदा की है और इसे श्रद्धालुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है।

यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान एशिया कप मैच खेला गया। धार्मिक और राजनीतिक वर्ग सवाल उठा रहे हैं कि जब खेल संबंध बहाल किए जा सकते हैं, तो श्रद्धालुओं की धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों लगाई जा रही है। अब देखना यह होगा कि केंद्र सरकार अपने निर्णय पर कायम रहती है या पंजाब और सिख नेताओं की मांगों को ध्यान में रखते हुए इसमें कोई बदलाव करती है।

Amit Kumar

लेखक के बारे में

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अमित कुमार एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में नौ वर्षों से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में वह लाइव हिन्दुस्तान में डिप्टी चीफ कंटेंट प्रोड्यूसर के रूप में कार्यरत हैं। हिन्दुस्तान डिजिटल के साथ जुड़ने से पहले अमित ने कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में काम किया है। अमित ने अपने करियर की शुरुआत अमर उजाला (डिजिटल) से की। इसके अलावा उन्होंने वन इंडिया, इंडिया टीवी और जी न्यूज जैसे मीडिया हाउस में काम किया है, जहां उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग व कंटेंट क्रिएशन में अपनी स्किल्स को निखारा। अमित ने भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC), दिल्ली से हिंदी जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा और गुरु जंभेश्वर यूनिवर्सिटी, हिसार से मास कम्युनिकेशन में मास्टर (MA) किया है। अपने पूरे करियर के दौरान, अमित ने डिजिटल मीडिया में विभिन्न बीट्स पर काम किया है। अमित की एक्सपर्टीज पॉलिटिक्स, इंटरनेशनल, स्पोर्ट्स जर्नलिज्म, इंटरनेट रिपोर्टिंग और मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैली हुई है। अमित नई मीडिया तकनीकों और पत्रकारिता पर उनके प्रभाव को लेकर काफी जुनूनी हैं। और पढ़ें

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