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2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण का भारत में क्या समय है? जानें क्या मान्य होगा सूतक काल

  • solar eclipse on 2 October in India: साल का दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण सर्व पितृ अमावस्या पर 2 अक्टूबर को लगने जा रहा है। जानें सूर्य ग्रहण का भारत में क्या समय है और देश में क्या मान्य होगा सूतक काल-

Saumya TiwariTue, 1 Oct 2024 01:30 PM
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साल का दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण

साल 2024 का दूसरा व आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर, बुधवार को लगेगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। चंद्र ग्रहण के ठीक 15 दिन बाद सर्व पितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितर पृथ्वी लोक से विदा लेते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार, वलयाकार ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है लेकिन सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है, जिससे सूर्य के आसपास चमकदार छल्ला दिखाई पड़ता है। जिसे'रिंग ऑफ फायर' कहा जाता है। जानें इस सूर्य ग्रहण का भारत में समय क्या है और सूतक काल से जुड़ी जानकारी-

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सूर्य ग्रहण का भारत में समय

भारतीय मानक समय (IST) के अनुसार, सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को रात 9:13 बजे शुरू होगा और सुबह 3:17 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण भारत में रात के समय होगा, इसलिए यह देश के किसी भी हिस्से से दिखाई नहीं देगा।

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भारत में क्या मान्य होगा सूतक काल

भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आएगा, जिसके कारण इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण प्रारंभ होने से 12 घंटे पूर्व ही लग जाता है।

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2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण कहां आएगा नजर

दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों खासतौर पर चिली और अर्जेंटीना में लोगों को वलयाकार ग्रहण देखने का अवसर मिलेगा। अन्य देश और क्षेत्र जहां आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा उनमें प्रशांत महासागर, आर्कटिक, पेरू और फिजी शामिल हैं।

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विदेश के किन शहरों में नजर आएगा सूर्य ग्रहण

कुछ ऐसे शहर जहां वलयाकार सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है उनमें चिली में हंगा रोआ और अर्जेंटीना में प्यूर्टो डेसीडो शामिल हैं। आंशिक ग्रहण के लिए, होनोलूलू (हवाई, यूएसए), सुवा (फिजी), सैंटियागो (चिली), साओ पाउलो (ब्राजील), मोंटेवीडियो (उरुग्वे), और ब्यूनस आयर्स (अर्जेंटीना) जैसे शहर शामिल हैं।

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क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण

पूर्ण सूर्य ग्रहण में चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है जबकि वलयाकार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढकने के लिए पृथ्वी से बहुत दूर होता है। इसके बजाए यह केवल केंद्र के भाग को कवर करता है, जिससे किनारों के चारों ओर एक चमकती अंगूठी निकल जाती है। यह 'रिंग ऑफ फायर' वलयाकार ग्रहण की एक विशेषता है।

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सूर्य ग्रहण होगा अपने चरम पर

2 अक्टूबर 2024 को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगभग 7 मिनट और 25 सेकंड तक अपने चरम पर रहेगा। ग्रहण की तीव्रता लगभग 93 प्रतिशत होगी, जिसका अर्थ है कि सूर्य की डिस्क का एक बड़ा हिस्सा ढक जाएगा।

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डिस्क्लेमर

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।