रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर के शहरों के केवल 17 फीसदी शहरों में ही WHO के दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। दुनिया का सबसे ज्यादा प्रदूषित देश चाड है। यहां पीएम 2.5 लेवल आम तौर पर 91.8 के आसपास रहता है जो कि गाइडलाइन से 18 गुना ज्यादा है। चाड की गिनती काफी पिछड़े देशों में होती है।
दूसरे नंबर पर सबसे प्रदूषित देश बांग्लादेश है। बांग्लादेश की राजनीतिक और आर्थिक हालत भी इन दिनों स्थिर नहीं है। वहीं ढाका शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया है।
तीसरे नंबर पर भारत का पड़ोसी पाकिस्तान है। पाकिस्तान की हालत किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान का औसतन पीएम 2.5 लेवल 73.7 बताया गया है। यह गाइडलाइन से 14 गुना ज्यादा है।
अब चौथे नंबर की बात करें तो सबसे ज्यादा प्रदूषित देश है कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य। यह गाइडलाइन से 11 गुना ज्यादा प्रदूषित है। यह मध्य अफ्रीका का एक देश है।
इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर भारत को रखा गया है। हालांकि भारत की रैंकिंग में काफी सुधार हुआ है। 2023 की लिस्ट में भारत को तीसरे नंबर पर रखा गया था।
इसके अलावा इस लिस्ट में नौवें स्थान पर रवांडा और 10वें स्थान पर बुरुंडी हैं। ये भी अफ्रीकी देश हैं जो कि काफी गरीब हैं।
सबसे साफ क्षेत्र की बात करें तो वह है ओशिनिया। वहीं दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों की लिस्ट में भारत के ही 13 शहर हैं।
भारत के प्रदूषित शहर बर्नीहाट, दिल्ली, मुल्लानपुर, फरीदाबाद, लोनी, नई दिल्ली, गुरुग्राम, गंगानगर, ग्रेटर नोएडा, भिवाड़ी, मुजफ्फरनगर, हनुमानगढ़ और नोएडा हैं।