दुनिया के किसी भी देश की आर्थिक प्रगति के लिए रेलवे नेटवर्क का योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहता है। अमेरिका, चीन या भारत सभी बड़े-बड़े देशों ने अपनी जमीनों पर रेलवे नेटवर्क का जाल बिछाया हुआ है। भारत की बात करें तो उत्तर से लेकर दक्षिण को कनेक्ट करने के लिए रेलवे बेहतर तरीके से अपना काम करता है। इससे न केवल आर्थिक प्रगति की रफ्तार तेज होती है बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी मिलता है। दुनिया के बाकी देशों में भी यही हाल है। तो आइए जानते हैं कि दुनिया के किन देशों में सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क हैं।
क्षेत्रफल के हिसाब दुनिया का पांचवा सबसे बड़े देश ब्राजील में 37,743 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क है। 19 वीं सदी की शुरुआत में यहां पर रेलवे नेटवर्क का निर्माण शुरू हुआ। ब्राजील का अधिकांश रेलवे परिवहन माल ढुलाई और शहरी यात्रियों को लाने ले जाने का काम करती है। ब्राजील में अब रेलवे नई सुपर स्पीड ट्रेन्स को लाने का काम तेजी से चल रहा है।
जमीनी रूप से दुनिया से कटा ऑस्ट्रेलिया अपने देश में परिवहन के लिए ट्रेन्स का इस्तेमाल करता है। ऑस्ट्रेलियाई रेलवे ट्रैक की लंबाई लगभग 40 हजार किलोमीटर है। बढ़ती माल ढुलाई और यात्रियों की संख्या की वजह से सरकार लगातार इसको बढ़ाने की तरफ ध्यान केंद्रित कर रही है।
जर्मनी में रेलवे को डॉयचे बान भी कहा जाता है। यहां पर रेलवे का इतिहास 16 सदी से ही शुरू हो जाता है। जर्मनी यूरोप के इस देश में रेलवे नेटवर्क की लंबाई करीब 43,468 किलोमीटर है, जो कि इसे दुनिया का 6वां सबसे लंबा रेलवे नेटवर्क बनाता है। यहां पर करीब 21 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर इलेक्ट्रिसिटी है। अपनी बेहतर सुविधाओं के लिए जर्मन रेलवे यहां के यात्रियों की एक बेहतर पसंद है। जर्मनी में अंतर्देशीय व्यापार के लिए भी यह महत्वपूर्ण है।
कनाडा में रेलवे की शुरूआत 1875 में हुई थी। वर्तमान में कनाडा के अंदर करीब 50 हजार किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक्स हैं, जो कि यहां की आर्थिक उन्नति का एक बड़ा कारण हैं। शुरुआती दौर में कनाडाई रेलवे का उपयोग मुख्यतः माल ढुलाई के लिए किया जाता था। रेलवे की मदद से ही पश्चिमी कनाडा का विकास तेज गति से हुआ है। कम जनसंख्या और अधिक क्षेत्रफल की वजह से कनाडा में रेलवे ज्यादातर मान ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाती है।
भारतीय रेलवे केंद्र सरकार के अधीन काम करता है। लगभग 70 हजार की रेलवे ट्रैक की लंबाई के साथ भारतीय रेलवे दुनिया की चौथी बड़ी रेलवे प्रणाली है। भारतीय रेल को भारत की लाइफलाइन भी कहा जाता है। अपने शुरुआती दिनों में माल ढुलाई के लिए बनाई गई भारतीय रेल इस समय पर रोजाना करीब ढाई करोड़ लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने का काम करती है। भारत के अन्य राज्यों को समुद्री किनारों से जोड़ने में रेलवे अपनी महत्वूपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय रेलवे इस समय अपने ट्रांजिशन फेस से गुजर रही है। वंदे भारत जैसे नए मिशन के जरिए भारतीय रेलवे लगातार अपना विस्तार करती जा रही है। रेल मंत्रालय भी इसे बढ़ाने में युद्धस्तर पर काम कर रहा है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से दुनिया के सबसे बड़े देश रूस का रेलवे नेटवर्क 86 हजार किलोमीटर के साथ तीसरे नंबर पर आता है। इसी देश के पास दुनिया के सबसे लंबे रेलवे मार्ग का रिकॉर्ड है। रूसी आधी से ज्यादा जगह पर बर्फ की वजह से रेलवे रूस के अंदर 90 फीसदी माल ढुलाई का काम रेलवे द्वारा ही किया जाता है। रूस की आर्थिक रूप से समृद्ध होने में रेलवे का अहम योगदान है। इसके साथ क्षेत्रफल ज्यादा होने की वजह से रूस में शहर भी दूरी पर बसे हुए हैं। ऐसे में कम किराए में अधिक दूरी की यात्रा करने के लिए रूसी ट्रेन्स बेहतर हैं।
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी का घर चीन रेलवे की लंबाई के लिहाज से भी दूसरे नंबर पर है। यहां पर कुल लंबाई करीब 1,24,000 हैं। चीन के अंदर लंबी दूरी के ट्रांसपोर्ट के लिए रेलवे सबसे बेहतर उपाय है। चीन लंबी दूरी को कम समय में तय करने के लिए लगातार हाईस्पीड ट्रेन्स को बना रहा है। बढ़ती अर्थव्यवस्था और आयात निर्यात के लिए चीनी रेलवे ने सरकार की बहुत मदद की है। चीनी रेलवे नेटवर्क दुनिया का सबसे व्यस्ततम रेल नेटवर्क है। साल 2019 में इस पर करीब 3.6 बिलियन ट्रिप्स लागाई थी जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क का मालिक है। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का तमगा हासिल करने वाले अमेरिका के रेलवे नेटवर्क की लंबाई करीब 2,50,000 किलोमीटर है। लंबी दूरी पर बसे अमेरिकी शहरों के लिए रेलवे एक महत्वपूर्ण विकल्प है। 1820 में पहली बार अमेरिका में रेलवे ट्रैक बनाया गया था। इसके बाद अमेरिका ने मुड़कर नहीं देखा। अमेरिका आर्थिक तरक्की में रेलवे ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।