सनातन धर्म में पौष पूर्णिमा के दिन स्नान-दान के कार्य पुण्य फलदायी माने गए हैं। इसके अलावा इस दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा-आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन से साधक के सभी दुख और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा मनाया जाता है। यह साल की पहली पूर्णिमा होती है। इस साल 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा है। इस दिन से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो रही है।
पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करना कल्याणकारी माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिलती है। इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का अनंत काल तक शुभ फल प्राप्त होता है।
पौष पूर्णिमा के दिन जो व्यक्ति-दान के कार्य करता है, उसे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन कुछ चीजों का दान करना अति उत्तम माना गया है। आइए जानते हैं कि पौष पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?
पौष पूर्णिमा के दिन कंबल का दान अत्यंत लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कंबल का दान करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और धन-धान्य का भंडार सदा भरा रहता है।
पौष पूर्णिमा के दिन तिल का दान अति उत्तम माना गया है। मान्यता है कि इस दिन तिल दान करने से पूर्वजों के आत्मा को शांति मिलती है और परिवार के सदस्यों पर उनकी कृपा बनी रहती है।
पौष पूर्णिमा के दिन वैवाहिक जीवन को खुशहाल बनाने के लिए सुहागिनें महिलाओं को श्रृंगार का सामान दान कर सकती है। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है और प्रेम-संबंधों में मधुरता आती है।
पौष पूर्णिमा के दिन गुड़ दान करना अति शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के दिन गुड़ दान करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और साधक पर विष्णुजी की कृपा बनी रहती है।
पौष पूर्णिमा के दिन दूध और दही का दान करना शुभ माना गया है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और धन से जुड़ी दिक्कतों से छुटकारा मिलता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।