सऊदी अरब में भी जनता पर आयकर का बोझ नहीं डाला गया है। हालांकि यह यहां इनडायरेक्ट टैक्स काफी वसूला जाता है। इनडायरेक्ट टैक्स से ही अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। सऊदी अरब की गिनती भी समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं में होती है।
संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE में लोगों से आयकर बिल्कुल नहीं लिया जाता है। यहां की अर्थव्यवस्था इनडायरेक्ट टैक्स जैसे की वैल्यू एडेड टैक्स या फिर वस्तु कर पर निर्भर करती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की यूएई की अर्थव्यवस्था काफी मजबूत है। यूएई की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का भी बड़ा योगदान है। इसीलिए लोगों पर आयकर का बोझ नहीं डाला गया है।
कुवैत में भी किसी को आयकर का भुगतान नहीं करना पड़ता है। कुवैत की अर्थव्यवस्था तेल पर आधारित है। तेल निर्यात के जरिए सरकार के पास बड़ा धन आता है। इसलिए इस देश में लोगों से आयकर वसूलने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
बहरीन में भी इनकम टैक्स फ्री है। यहां की सरकार भी इनडायरेक्ट टैक्स पर ही भरोसा करती है। ऐसे में इसदेश में छोटे व्यवसाइयों और स्टार्टअपस करने वालों को मदद मिलती है। वहीं जब लोगो कि क्रय शक्ति बढ़ती है तो इनडायरेक्ट टैक्स की भी वसूली अच्छी हो जाती है।
वेस्टर्न हेमिस्फीयर का देश बहमास भी लोगों से इनकम टैक्स नहीं वसूलता है।
ओमान की अर्थव्यवस्था भी तेल और गैस की वजह से मजबूत है और यह अपने नागरिकों से इनकम टैक्स नहीं वसूलता है। कतर में भी आयकर नहीं देना पड़ता है। कतर में भी रहने वाले लोग काफी अमीर हैं। उनसे इनकम टैक्स नहीं वसूला जाता है।
कई ऐसे देश हैं जहां 60फीसदी के करीब इनकम टैक्स वसूला जाता है। इनमें फिन लैंड भी शामिल है। हालांकि यहां नागरिकों को शिक्षा, स्वास्थ्य से संबंधित उत्तम सुविधाएं दी जाती हैं। जापान में लगभग 55 फीसदी, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया में भी 55 फीसदी के करीब तक इनकम टैक्स लिया जाता है।