INS Kalavari: मुंबई में पीएम मोदी ने नौसेना को सौंपी नई ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्कॉर्पीयन श्रेणी की पनडुब्बी कलवरी को भारतीय नौसेना में शामिल...
VikasPrime Minister Narendra Modi in Mumbai INS Kalvari commissioned in Indian Navy today
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज स्कॉर्पीयन श्रेणी की पनडुब्बी कलवरी को भारतीय नौसेना में शामिल किया। कलवरी को नौसेना में शामिल करने के लिए आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा और अन्य शीर्ष रक्षा अधिकारी मौजूद थे। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कलवरी 'मेक इन इंडिया का एक शानदार उदाहरण है और यह नौसेना की ताकत बढ़ाएगी। पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि आज सवा सौ करोड़ भारतीयों के लिए बहुत गौरव का दिन है। वह सभी देशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई देते हैं।
Prime Minister Narendra Modi in Mumbai INS Kalvari commissioned in Indian Navy today
पीएम मोदी ने कहा कि आईएनएस कलवरी भारत और फ्रांस के बीच तेजी से बढ़ती रणनीतिक साझेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आईएनएस कलवरी हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की रक्षा क्षमताओं को कई गुना तक बढ़ाने वाली है। यह पनडुब्बी न केवल नौसेना की ताकत को एक अलग सिरे से परिभाषित करेगी बल्कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए भी एक मील का पत्थर मानी जा रही है।
Prime Minister Narendra Modi in Mumbai INS Kalvari commissioned in Indian Navy today
पनडुब्बी को जहां फ्रांस की कंपनी ने डिजाइन किया है तो इसे मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है। आईएनएस कलवरी की मारक क्षमता ऐसी है कि यह दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड वेपेंस पर तुरंत हमला कर सकती है। इन हमलों को टॉरपीडो की मदद से अंजाम दिया जा सकता है।
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Prime Minister Narendra Modi in Mumbai INS Kalvari commissioned in Indian Navy today
डीजल-इलेक्ट्रिक दोनों ही तरह ताकत से लैस इस पनडुब्बी के आने के बाद से नौसेना के बाद कुल पनडुब्बियों की संख्या 14 हो जाएगी। हिंद महासागर में बढ़ती चीनी गतिविधियों के मद्देनजर अभी नौसेना को 24 से लेकर 26 पनडुब्बियों की जरूरत होगी।
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इसके अलावा पनडुब्बी के अंदर होने पर इसे ट्यूब की मदद से एंटी-शिप मिसाइल को भी इससे लॉन्च किया जा सकता है। नौसेना की मानें तो इस पनडुब्बी को ऐसे डिजाइन किया गया है कि यह हर तरह की स्थिति में अपने मिशन को पूरा कर सकती है। इस वर्ष 2 मार्च को नौसेना ने कलवरी की मदद से एंटी-शिप मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। अरब सागर में हुए इस सफल परीक्षण के साथ ही देश में निर्मित कलवरी ने अपनी श्रेष्ठता का एक नमूना पेश किया था।
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इस पनडुब्बी का नाम हिंद महासागर में गहरे पानी में पाई जाने वाली खतरनाक 'टाइगर शार्क पर कलवरी रखा गया है। समारोह से पहले एक अधिकारी ने बताया कि इस पनडुब्बी के, गहरे पानी में 120 दिन तक गहन समुद्री परीक्षण हुए हैं। पनडुब्बी के विभिन्न उपकरणों के लिए भी परीक्षण किए गए। कलवरी से भारत की नौवहन क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद है।
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इस पनडुब्बी का डिजाइन फ्रांसीसी नौसेना रक्षा एवं ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने तैयार किया है। इसका निर्माण भारतीय नौसेना के 'प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई स्थित मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) में किया गया। पहली कलवरी आठ दिसंबर 1967 को नौसेना में शामिल की गई थी। यह भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी भी थी। करीब तीन दशक तक भारतीय नौसेना को अपनी सेवाएं देने के बाद इसने 31 मई 1996 को अपना काम बंद किया था।