फिर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे, देखें तस्वीरें...
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि जो भी इस आंदोलन में शामिल हो वो एक हलफनामे पर साइन करे की वो कभी राजनीति में शामिल नहीं होगा ना ही कोई राजनीतिक...
VikasAnna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि जो भी इस आंदोलन में शामिल हो वो एक हलफनामे पर साइन करे की वो कभी राजनीति में शामिल नहीं होगा ना ही कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करेगा। वो केवल देश की सेवा करेगा। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी और ग्रुप को इस मंच पर आने नहीं दूंगा। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। 23 मार्च अपनी कुछ मांगों को लेकर अन्ना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने रामलीला मैदान में शुक्रवार को अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्होंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से लोकपाल औप कृषि संकट पर बातचीत करने के प्रयास का कोई नतीजा नहीं निकला। राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रामलीला मैदान में अनशन शुरू करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, बीते 4 साल में मैंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने कहा, देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है। अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार और देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ आंदोलन के दौरान चर्चा करेंगे, लेकिन उनका अनिश्चितकालीन अनशन 'सत्याग्रह' सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्ययोजना आने तक जारी रहेगा।
संबंधित फोटो गैलरी
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा कि केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह और महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की और कुछ आश्वासन दिए। अन्ना हजारे ने साल 2011 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था, जिसने भारतीयों की भावनाओं को छुआ था। दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, “लेकिन मैंने कहा, मैं आप (मंत्री) पर विश्वास नहीं करता। अब तक आपने कितने वादे पूरे किए हैं? एक भी नहीं। इसलिए ठोस कार्ययोजना के साथ आइए।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना हजारे ने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को उचित मूल्य निधार्रण के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। सीएसीपी 23 फसलों के लिए मूल्य तय करता है। वर्तमान में केंद्र सरकार सीएसीपी का नियंत्रण करती है और राज्यों द्वारा सुझाए गए उचित मूल्य में 30-35 फीसदी की कटौती करती है। अन्ना हजारे (80) ने कहा, मैं दिल के दौरे से मरने के बजाय देश के लिए मरना पसंद करूंगा। अन्ना हजारे के 2011 के आंदोलन से आम आदमी पार्टी (आप) का जन्म हुआ था, जो इस समय दिल्ली में सत्तारूढ़ है।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना के उस आंदोलन ने कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को 2014 के आम चुनाव में सत्ता से हटाने में बड़ा योगदान दिया था। इसके बाद भाजपा केंद्र की सत्ता में आई। गांधीवादी अन्ना ने बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में रुचि न दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मोदी कभी लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं रहे। अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के पीछे देरी का कारण यह है कि प्रधानमंत्री को डर है कि एक बार इसका वजूद बन जाने के बाद प्रधानमंत्री कायार्लय व उनके कैबिनेट के सदस्य इसके दायरे में आ जाएंगे।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने कहा कि उनका आंदोलन 23 मार्च को शुरू हुआ है, इसी दिन ब्रिटिश शासन में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी दी गई थी। उन्होंने कहा कि इन शहीदों ने अपना जीवन सिर्फ अंग्रेजों से अजादी के लिए नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक शासन के लिए दांव पर लगाया था। लेकिन क्या हुआ? हमारे देश में अभी भी सही मायने में लोकतंत्र स्थापित नहीं हुआ है। अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार व देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने रामलीला मैदान में जुटे लोगों से कहा, “देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है।” पुलिस के अनुसार, अन्ना के आंदोलन में करीब 6000 लोगों ने भाग लिया। इसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश व असम से आए लोग शामिल थे। इसमें बड़ी संख्या में किसान भी शामिल रहे। हजारे ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि वह आंदोलन में शामिल होने वाले किसानों के सामने मुश्किल पैदा कर रही है।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने कहा, हमारे आंदोलन को नाकमा करने के लिए उन्होंने ट्रेन व बसें रोक दी हैं, ताकि जो लोग हम से जुड़ना चाहते हैं, वे यहां नहीं पहुंच सकें। लेकिन यह सरकार हमें रोक नहीं पाएगी। महाराष्ट्र के अहमदनगर के एक किसान पोपटराव साठे ने कहा कि पुलिस ने उनके इलाके के लोगों को भुसावल में गुरुवार की रात ट्रेन में सवार होने की अनुमति नहीं दी। कुछ किसानों ने कहा कि वह पुलिस से बचकर दिल्ली पहुंचे। वर्तमान में केंद्र सरकार सीएसीपी का नियंत्रण करती है और राज्यों द्वारा सुझाए गए उचित मूल्य में 30-35 फीसदी की कटौती करती है।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे अन्ना हजारे ने कहा है कि जो भी इस आंदोलन में शामिल हो वो एक हलफनामे पर साइन करे की वो कभी राजनीति में शामिल नहीं होगा ना ही कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करेगा। वो केवल देश की सेवा करेगा। मैं किसी भी राजनीतिक पार्टी और ग्रुप को इस मंच पर आने नहीं दूंगा। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। 23 मार्च अपनी कुछ मांगों को लेकर अन्ना सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने रामलीला मैदान में शुक्रवार को अनिश्चितकालीन अनशन की शुरुआत करते हुए कहा कि उन्होंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार से लोकपाल औप कृषि संकट पर बातचीत करने के प्रयास का कोई नतीजा नहीं निकला। राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद रामलीला मैदान में अनशन शुरू करने के तुरंत बाद उन्होंने कहा, बीते 4 साल में मैंने मोदी सरकार को 43 पत्र लिखे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना ने कहा, देश के किसान संकट में हैं, क्योंकि उन्हें फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और सरकार उचित मूल्य तय करने की दिशा में कोई काम नहीं कर रही है। अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार और देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है। उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ आंदोलन के दौरान चर्चा करेंगे, लेकिन उनका अनिश्चितकालीन अनशन 'सत्याग्रह' सरकार की तरफ से कोई ठोस कार्ययोजना आने तक जारी रहेगा।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना ने कहा कि केंद्रीय कृषिमंत्री राधा मोहन सिंह और महाराष्ट्र के कुछ मंत्रियों ने गुरुवार को उनसे मुलाकात की और कुछ आश्वासन दिए। अन्ना हजारे ने साल 2011 में अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा आंदोलन किया था, जिसने भारतीयों की भावनाओं को छुआ था। दिल्ली के रामलीला मैदान में अपने हजारों समर्थकों को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा, “लेकिन मैंने कहा, मैं आप (मंत्री) पर विश्वास नहीं करता। अब तक आपने कितने वादे पूरे किए हैं? एक भी नहीं। इसलिए ठोस कार्ययोजना के साथ आइए।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना हजारे ने कहा कि कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को उचित मूल्य निधार्रण के लिए स्वायत्त बनाया जाना चाहिए। सीएसीपी 23 फसलों के लिए मूल्य तय करता है। वर्तमान में केंद्र सरकार सीएसीपी का नियंत्रण करती है और राज्यों द्वारा सुझाए गए उचित मूल्य में 30-35 फीसदी की कटौती करती है। अन्ना हजारे (80) ने कहा, मैं दिल के दौरे से मरने के बजाय देश के लिए मरना पसंद करूंगा। अन्ना हजारे के 2011 के आंदोलन से आम आदमी पार्टी (आप) का जन्म हुआ था, जो इस समय दिल्ली में सत्तारूढ़ है।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
अन्ना के उस आंदोलन ने कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) को 2014 के आम चुनाव में सत्ता से हटाने में बड़ा योगदान दिया था। इसके बाद भाजपा केंद्र की सत्ता में आई। गांधीवादी अन्ना ने बीते महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में रुचि न दिखाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि मोदी कभी लोकपाल के बारे में गंभीर नहीं रहे। अन्ना हजारे ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति के पीछे देरी का कारण यह है कि प्रधानमंत्री को डर है कि एक बार इसका वजूद बन जाने के बाद प्रधानमंत्री कायार्लय व उनके कैबिनेट के सदस्य इसके दायरे में आ जाएंगे।
Anna Hazare begins indefinite hunger strike in Delhi
भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता ने कहा कि उनका आंदोलन 23 मार्च को शुरू हुआ है, इसी दिन ब्रिटिश शासन में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फांसी दी गई थी। उन्होंने कहा कि इन शहीदों ने अपना जीवन सिर्फ अंग्रेजों से अजादी के लिए नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक शासन के लिए दांव पर लगाया था। लेकिन क्या हुआ? हमारे देश में अभी भी सही मायने में लोकतंत्र स्थापित नहीं हुआ है। अन्ना के अनशन का मकसद केंद्र में लोकपाल व राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति, नए चुनाव सुधार व देश में कृषि संकट को हल करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए दबाव बनाना है।