मेरठ में देश की सबसे तेज गति से चलने वाली मेट्रो का परिचालन अगले साल जून में होगा। इसकी तैयारी तेजी से चल रही है। सिविल का ज्यादातर काम पूरा हो गया है। मेरठ मेट्रो के तीन कोच में एक साथ 700 यात्री सफर कर सकेंगे। 173 लोग सीट पर बैठ सकेंगे। मेरठ मेट्रो का परिचालन 13 स्टेशन के बीच होगा। इन स्टेशनों के बीच की 23 किलोमीटर की दूरी 30 मिनट में तय होगी। ट्रेन मेरठ दक्षिण स्टेशन से मोदीपुरम तक आरआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी।
देश में पहली बार नमो भारत ट्रेन और मेट्रो एक ही कॉरिडोर पर चलेगी। मेट्रो की डिजाइन गति 135 किलोमीटर प्रति घंटा है। परिचालन की अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा रहेगी। वहीं, नमो भारत की परिचालन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है। दिल्ली मेट्रो की गति 90 किलोमीटर प्रतिघंटा रहती है।
मेट्रो की हर सीट पर मोबाइल चार्जिंग की सुविधा होगी। कोच में यात्री लगेज रैक, ग्रैब हैंडल, सीसीटीवी कैमरे, डायनामिक रूट मैप और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं यात्रियों के लिए उपलब्ध होंगी। दिल्ली, मुंबई, लखनऊ में चल रही मेट्रो में लगेज रैक और हर सीट पर मोबाइल चार्ज करने की सुविधा नहीं है।
मेट्रो के अंदर सभी दरवाजों पर पुश बटन लगे हैं। इनकी मदद से चुनिंदा दरवाजे खोलने की सुविधा मिलेगी। इससे बिजली की खपत में कमी आएगी। अन्य शहर में चल रही मेट्रो में यह सुविधा नहीं है। हर स्टेशन पर सभी डिब्बों के दरवाजे खुलते हैं। इसके अलावा आग से बचाव के भी इंतजाम हैं।
नमो भारत ट्रेन में छह कोच हैं, जबकि मेट्रो में तीन ही कोच हैं। मेट्रो में नमो भारत की तुलना में यात्रियों के खड़े होने के लिए अधिक स्थान और सीट की व्यवस्था है।
मेट्रो ट्रेन के हर कोच में मोबाइल चार्जिंग दिए गए हैं। साथ ही महिला यात्रियों और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सीटें भी आरक्षित हैं। महिला यात्रियों के लिए कोच की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है।
मेरठ मेट्रो में मेडिकल स्ट्रेचर और व्हील चेयर के लिए स्थान दिया है। वहीं मेट्रो स्टेशन में मेडिकल स्ट्रेचर और व्हीलचेयर के आवागमन के लिए बड़ी लिफ्ट की सुविधा होगी।
मेट्रो में यात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है। मेरठ दक्षिण से मोदीपुरम डिपो तक चलने वाली मेट्रो के सभी 13 स्टेशनों पर स्क्रीन डोर लगाए जाएंगे। यह भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में मदद करेंगे। प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर की सुविधा दूसरे मेट्रो स्टेशन पर नहीं है।