Hindi Newsफोटोमहाकुंभ में 1954 से 2025 तक नहीं टूटा भगदड़ वाला दर्दनाक सिलसिला; कब कैसे घटना

महाकुंभ में 1954 से 2025 तक नहीं टूटा भगदड़ वाला दर्दनाक सिलसिला; कब कैसे घटना

  • प्रयागराज में हर 12 वर्ष के बाद महाकुंभ का आयोजन होता है। इस मौके पर देश और दुनिया से सनातनी जुटते हैं और संगम तट समेत कई स्थानों पर प्रयागराज में गंगा स्नान करते हैं। मौनी अमावस्या समेत ऐसी कई तिथियां होती हैं, जब स्नान का महत्व माना जाता है। 

Surya PrakashWed, 29 Jan 2025 01:44 PM
1/8

महाकुंभ से आई दुखद खबर

मौनी अमावस्या के मौके पर कई बार भगदड़ के हालात भी बन जाते हैं। महाकुंभ में आज भी सुबह भगदड़ के हालात बन गए और कुछ लोगों की मौत की भी खबर है।

2/8

1954 में हुई थी महाकुंभ में सबसे बड़ी दुर्घटना

महाकुंभ में भगदड़ का इतिहास नया नहीं है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार 1954 में महाकुंभ का आयोजन हुआ था। यह आजाद भारत का पहला सबसे बड़ा कार्यक्रम था, लेकिन 3 फरवरी 1954 को मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गई थी। इस घटना में करीब 800 लोगों की मौत का दावा किया जाता है। महाकुंभ के इतिहास की यह सबसे बड़ी दुर्घटना थी।

3/8

जब सीएम के आने पर हरिद्वार कुंभ में बिगड़े थे हालात

इसके बाद 1986 में हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में भगदड़ मच गई थी, जिसमें कम से कम 200 लोग मारे गए थे। यह घटना तब हुई थी, जब तत्कालीन यूपी सीएम वीर बहादुर सिंह देश के कई मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ पहुंचे थे। आम लोगों को प्रशासन तट पर जाने से रोक रहा था। इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और भगदड़ में लोग मारे गए।

4/8

2003 में नासिक में हुआ था हादसा

नासिक में 2003 में आयोजित कुंभ मेले में दर्जनों मारे गए थे। यह भगदड़ तब हुई, जब लाखों की संख्या में लोग गोदावरी के तट पर स्नान के लिए पहुंचे। सैकड़ों लोग बुरी तरह से घायल भी हुए थे।

5/8

रेलवे स्टेशन पर पिछली बार मची थी भगदड़

प्रयागराज के महाकुंभ में 2013 में भी भगदड़ मची थी। यह हादसा हालांकि गंगा तट पर नहीं हुआ था बल्कि इलाहाबाद रेलवे स्टेशन पर हुआ था। 10 फरवरी, 2013 को हुए इस हादसे की वजह फुट ओवरब्रिज का गिरना था। इसके चलते लोगों में भगदड़ मच गई और 42 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में 45 लोग घायल भी हुए थे।

6/8

2025 में तमाम व्यवस्थाओं के बाद भी हादसा

अब 2025 में भी ऐसी ही घटना हुई है। शुरुआत से ही काफी व्यवस्थित चले आ रहे मेले में बुधवार को तड़के भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोगों के मारे जाने की खबर है। इसके अलावा सैकड़ों लोग भगदड़ में घायल हुए हैं।

7/8

इन तिथियों में महाकुंभ पर जुटती है ज्यादा भीड़

बता दें कि मौनी अमावस्या, पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के मौके पर बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। ऐसे में इन तारीखों पर प्रशासन के लिए व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती होती है।

8/8

मौनी अमावस्या पर 4 करोड़ लोगों ने किया स्नान

इस बार महाकुंभ में अप्रत्याशित तौर पर लोग पहुंच रहे हैं। खासतौर पर मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में लोग जुटे। खबर है कि आज ही करीब 4 करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया है।