सर्दियों में गुड़ खाने पर ज्यादा फोकस किया जाता है। वजह है इसके न्यूट्रिशनल तत्व। आयुर्वेद में भी गुड़ को हेल्थ के लिए फायदेमंद बताया गया है। ये ना केवल खून बढ़ाता है बल्कि ये लंग्स को भी क्लीन करने में मदद करता है। लेकिन मार्केट में कई वैराइटी के गुड़ मिलते हैं। इसलिए कंफ्यूज होने की बजाय जान लें कौन सा गुड़ है सेहत के लिए सबसे अच्छा।
गुड़ नेचुरल स्वीटनर है और अनरिफाइंड होता है। ये पेड़ और फलों से निकाला जाता है। दुनियाभर का 55 प्रतिशत गुड़ केवल इंडिया में प्रोड्यूस होता है। विटामिन और मिनरल से भरपूर गुड़ की भी कई वैराइटी होती है।
ये गुड़ सबसे ज्यादा कॉमन है। गन्ने के रस से गुड़ बनाया जाता है। हल्के गोल्डन और ब्राउन कलर के इस गुड़ को बनाने के लिए गन्ने के रस को उबाला और पकाया जाता है। फिर ठंडा करके गुड़ बनता है। इस गुड़ का इस्तेमाल ज्यादातर डिशेज वगैरह में किया जाता है।
खजूर का गुड़ या डेट पाम गुड़ बोला जाता है। इस गुड़ का टेस्ट काफी कुछ चॉकलेट से मिलता है। इसमे कई सारे मिनरल्स होते हैं और ये ज्यादातर पश्चिम बंगाल, कोलकाता में ज्यादा मिलता है। साथ ही बाकी गुड़ की तुलना में इसमे न्यूट्रिशन भी ज्यादा होते हैं।
नारियल के फूलों से रस निकाला जाता है। जिससे गुड़ तैयार किया जाता है। नारियल से तैयार गुड़ में मैग्नीशियम और आयरन की मात्रा पर्याप्त होती है। नारियल के गुड़ को मड्डा या सूरी गुड़ के नाम से भी जाना जाता है। स्पाइसी करी खासतौर पर गोवा के खाने में नारियल के गुड़ का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।
गन्ने का गुड़ हो या फिर नारियल का गुड़, या फिर खजूर का गुड़। इन सब में विटामिन और मिनरल्स की मात्रा पर्याप्त होती है। वहीं इन तीनों में तुलना की जाए तो पाम गुड़ में ग्लाइसेमिक इंडेक्स की मात्रा कम होती है। साथ ही ये इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ सीजनल फ्लू से बचाता है।
गुड़ में कुछ खास तरह के हर्ब्स को मिलाकर गुड़ के न्यूट्रिशन को भी बढ़ाया जाता है। जैसे कि आयुर्वेदिक दवाओं की तरह काम लिया जाता है। वहीं कई जगह काले तिल को गुड़ में मिलाकर भी बनाया जाता है।