पीरियड्स के दौरान महिलाएं अपने रोजमर्रा के काम आत्मविश्वास के साथ करने से लेकर सेहत को सुरक्षा प्रदान करने तक के लिए सेनेटरी पैड और टैम्पोन पर निर्भर रहती हैं। पीरियड्स के दौरान यूज किए जाने वाले पैड्स, रक्त के भारी प्रवाह को अवशोषित करने की क्षमता रखते हैं और इसलिए महिलाएं पहले से ही अपने घर के राशन की तरह इन्हें भी ज्यादा मात्रा में खरीदकर स्टॉक में रख लेती हैं। लेकिन क्या वाकई मुश्किल दिनों में काम आने वाले ये सेनेटरी पैड इस्तेमाल करने के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होते हैं, क्या इनकी भी कोई एक्सपायरी डेट होती है? आइए जानते हैं इन सवालों के जवाब।
ज्यादातर मामलों में सेनेटरी पैड का इस्तेमाल सेहत के लिए सुरक्षित माना गया है। बावजूद इसके कई स्टडी इसका यूज संभलकर करने की सलाह देती हैं। आइए जानते हैं वजह।
सैनिटरी पैड के पैकेट पर आमतौर पर उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखी हुई होती है। यह तारीख उस अवधि का संकेत होती है, जो उत्पाद के प्रभावी, सुरक्षित और विश्वसनीय बने रहने की गारंटी देता है। बाजार से सैनिटरी पैड खरीदते या उसका उपयोग करते समय पैकेजिंग पर एक्सपायरी डेट की जांच जरूर करें।
सेनेटरी पैड और टैम्पोन की समाप्ति तिथि अधिकतर पांच साल होती है जबकि मैन्सट्रुअल कप कई वर्षों तक चल सकते हैं। लेकिन कप को हर 1 या 2 साल में बदलने की सलाह दी जाती है। खासकर तब अगर उसमें कोई छेद या दरार हो। सेहत के लिहाज से पुराने पीरियड उत्पादों का उपयोग करने से बचना चाहिए।
ओवरी में कैंसर, बांझपन, हार्मोनल शिथिलता, चकत्ते, योनि में एलर्जी, पेल्विक एरिया में सूजन, थायराइड की खराबी, एंडोमेट्रियम से संबंधित बीमारियां।
अधिकांश लोग मानते हैं कि जो सफेद है, वो साफ है। लेकिन आपको बता दें, सैनिटरी पैड को ब्लीच से चमकदार और सफेद बनाया जाता है। ब्लीच करने के लिए डाइऑक्सिन नाम के रसायन का यूज किया जाता है। जो लिवर की सेहत खराब करने से लेकर त्वचा को काला,पेल्विक की सूजन, हार्मोनल शिथिलता, मधुमेह और ओवरी के कैंसर और इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है।
-पीरियड्स के दौरान प्राइवेट पार्ट को सूखा रखें। -अपना पैड हर 5-6 घंटे में बदलें -यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए पीरियड्स के दौरान पर्याप्त पानी पिएं -अंडरवियर को नियमित रूप से साफ करें । -अंडरवियर को धोकर धूप में सुखाएं।