1/7शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। नौ दिनों तक चलने वाला ये पर्व, देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। नवरात्रि का पहला दिन बहुत ही महत्व रखता है। इसी दिन घटस्थापना की जाती है और देवी दुर्गा का आह्वान किया जाता है। घटस्थापना के दौरान चौकी पर कलश स्थापित किया जाता है, जिसमें श्रीफल यानी नारियल रखा जाता है। बहुत से लोग इस बात को ले कर कन्फ्यूज रहते हैं कि नारियल का मुंह किस तरफ होना चाहिए। नारियल को सीधा रखना चाहिए या लेटाकर। अगर आपको भी सही नियम नहीं पता हैं, तो चलिए जानते हैं।

नवरात्रि पूजा में प्रथम दिन घटस्थापना की जाती है। इस दौरान कलश में नारियल रखा जाता है। दरअसल नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। चूंकि किसी भी पूजा में सबसे पहले भगवान गणेश का आह्वान किया जाता है, इसलिए नारियल की स्थापना सबसे पहले होती है।

मान्यता है कि नारियल में त्रिदेव यानी ब्रह्म, विष्णु और महेश का वास होता है। ऐसे में कलश के ऊपर नारियल की स्थापना करना, सभी देवी-देवताओं का आह्वान करना है, ताकि पूजा-पाठ निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो सके।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नारियल का मुख हमेशा पूजा करने वाले की तरफ होना चाहिए। नारियल का मुख वो होता है, जहां से नारियल पेड़ पर लगा होता है। आप इसके दोनों छोर देखकर आसानी से पता लगा सकते हैं। जहां से नुकीला हो, वहां मुंह नहीं होता बल्कि दूसरी जगह होता है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खड़ा नारियल रखना शुभ नहीं माना जाता है। इसका मुख ऊपर की तरफ होने से रोग बढ़ते हैं, तो वहीं नीचे की ओर होने से शत्रुओं में वृद्धि होती है। इसलिए इसे हमेशा लेटाकर ही रखना चाहिए। ध्यान रहे इसका मुख आपकी तरफ होना चाहिए।

मान्यताओं के अनुसार कलश की स्थापना हमेशा माता रानी के दाहिने तरफ करनी चाहिए। पूजा निर्विघ्न रूप से सम्पन्न हो और देवी दुर्गा नौ दिनों के लिए आपके घर में विराजें, इसके लिए ये बहुत शुभ माना जाता है।

कलश पर रखा हुआ नारियल कभी भी टूटा हुआ नहीं होना चाहिए। इसे हमेशा किसी लाल कपड़े में लपेटकर ही कलश के ऊपर स्थापित करें। इसके अलावा कलश स्थापना मुहूर्त के अनुसार और पूरे विधि-विधान के साथ ही करनी चाहिए।
