अगर आप चाय पीने के शौकीन हैं और थोड़ी-थोड़ी देर में चाय पीने का बहाना ढूंढते रहते हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। कई बार लोग चाय का स्वाद तो लेना चाहते हैं लेकिन समय और मेहनत बचाने के लिए अकसर टी बैग वाली चाय पीने लगते है। अगर आप भी ऐसा करने वालों की लिस्ट में शामिल हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल डालिए। आपकी ये आदत आपकी सेहत को अनजाने में बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। आइए जानते हैं कैसे।
मैकगिल यूनिवर्सिटी, कनाडा में चाय की पत्ती और टीबैग्स पर हुई एक स्टडी में शोधकर्ताओं ने बताया कि प्लास्टिक टीबैग आपके कप में हानिकारक कण छोड़ सकते हैं। जिसमें गुड बैक्टीरिया को प्रभावित करने की क्षमता भी देखी गई।
डॉक्टर रवि के गुप्ता ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर करके बताया है कि सेहत पर हुई एक स्टडी में पाया गया है कि एक प्लास्टिक टी बैग्स को 95 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में मिलाने से वह आपके कप में 11.6 बिलियन माइक्रोप्लास्टिक और 3.1 बिलियन नैनो प्लास्टिक रिलीज होते हैं। ये नैनो प्लास्टिक चाय में घुलकर आपके शरीर में जाते हैं।
टी बैग बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज को सफेद करने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें क्लोरीन डाइऑक्साइड जैसे रसायन मौजूद होते हैं। जो टी बैग वाली चाय पीने से आपके शरीर में जाते हैं। जिससे आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।
टी बैग्स में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे ब्लड ग्लूकोज लेवल डिस्टर्ब हो सकता है।
ऐसे भी कई उदाहरण हैं जब इन टी बैग्स में फफूंद और यहां तक कि छोटे-छोटे कीड़े भी पाए गए हैं। ऐसे में अगर आप नहीं जानते हैं कि इन टी बैग्स की थैलियों के भीतर क्या है, तो बेहतर होगा कि आप उसका सेवन करने से बचें।
अगर आपको चाय का स्वाद और सेहत दोनों बनाए रखनी हो तो लूज चाय की पत्ती का ऑप्शन पसंद कर सकते हैं।