Happy Friendship Day 2019 : दुनिया में मिसाल बन गई सच्ची दोस्ती की ये कहानियां, जानें इनके बारे में
Friendship Day 2019 आज : कहते हैं हर एक दोस्त जरूरी होता है लेकिन कुछ दोस्त हमारे जीवन का हिस्सा बन जाते हैं। आज दुनियाभर में दोस्ती का दिन मनाया जा रहा है, चलिए इसी बहाने कुछ ऐसे दोस्तों से...
Aparajitahappy friendship day
बिल गेट्स और वॉरेन बफे : बड़े दिल के दो अमीर दोस्त कहते हैं रुपया और शोहरत हाथ आते ही दोस्ती भी छूट जाती है, लेकिन इस बात को बिल गेट्स और वॉरेन बफे की दोस्ती झुठलाती है। धरती के दूसरे व तीसरे सबसे अमीर इन दोस्तों का रिश्ता 28 साल का हो गया। माइक्रोसॉफ्ट के सहसंस्थापक बिल गेट्स और बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन वॉरेन बफे के बीच की दोस्ती की सालगिरह कल यानि 5 जुलाई को है। इस दिन साल 1991 में जब दोनों एक औपचारिक बैठक के दौरान मिले थे तो दोनों ने ही एक-दूसरे से मिलने में रुचि नहीं दिखाई। बफे और गेट्स के बीच 25 साल का अंतर है। अब 63 के हो चुके गेट्स और 88 के बफे के बीच उम्र कभी बाधा नहीं बनी। बिल गेट्स ने एक बार कहा था कि वह जब भी किसी संकट में होते हैं तो सोचते हैं कि अगर बफे उनकी जगह होते तो क्या करते और उन्हें समस्या का सबसे बेहतर हल मिल जाता है।
happy friendship day
सचिन तेंदुलकर- अतुल रानाडे : क्रिकेट को प्यार करने वाले दो यार ‘दोस्त अगर फेल हो जाए तो बुरा लगता है और अगर टॉप कर जाए तो सबसे बुरा’। फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ का यह संवाद गुदगुदाता जरूर है लेकिन असलियत में सच्चे दोस्त अपने दोस्त की सफलता पर सबसे खुश होते हैं। इस बात का उदाहरण सचिन तेंदुलकर और अतुल रानाडे की दोस्ती है। दोनों ने स्कूली दिनों में साथ-साथ बल्ला चलाना सीखा। दोनों का परिवार मुंबई की साहित्य सहवास कॉलोनी में रहता था। अतुल उम्र में सचिन से एक साल बड़े हैं पर दोनों ने गुरु रमाकांत आचरेकर से साथ में क्रिकेट की क्लास लेनी शुरू की। यह सफर दोनों ने साथ शुरू किया जिसमें सचिन तेंदुलकर आगे बढ़ते चले गए और आज महान क्रिकेटर के तौर पर जाने जाते हैं। वहीं, रानाडे क्रिकेट में लंबी पारी खेलने में कामयाब नहीं हो सके। बीते जून में सचिन ने बचपन की एक तस्वीर इस्टाग्राम पर साझा की और लिखा- ‘हमारी दोस्ती आज भी वैसी ही है जैसी बचपन में थी।’ वहीं, रानाडे कहते हैं कि दोनों की दोस्ती का अहम पहलु आपसी सच्चाई है और सचिन अपनी बात के पक्के हैं इसलिए दोनों के बीच कभी कोई परेशानी नहीं आई।
संबंधित फोटो गैलरी
happy friendship day
अटल बिहारी वाजपेयी - लालकृष्ण अडवाणी : एक मकसद ने दो नेताओं को बनाया दोस्त जब जीने का मकसद एक हो तो दोस्ती होना और उसका मजबूत होते चले जाना स्वाभाविक है। अटल-आडवाणी की दोस्ती इसकी मिसाल है। जनसंघ के इन दो नेताओं ने मिलकर भारतीय जनता पार्टी बनाई और अपनी राजनीतिक विचारधारा को देश की मुख्यधारा तक लाने का जिम्मा उठाया। अब वाजपेयी के निधन के बाद भले यह जोड़ी टूट गई, लेकिन इसे भारतीय राजनीति में सदियों तक याद किया जाता रहेगा। दोनों की पहली मुलाकाल 50 के दशक में हुई। बाद में जब वाजपेयी लोकसभा का चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे और आडवाणी को जन संघ के विजयी सांसदों की मदद के लिए दिल्ली बुलाया गया था तब दोनों नजदीक आए और दशक बीतते-बीतते दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। तब दोनों अविवाहित थे और पार्टी के लिए दोनों साथ मिलकर काम तो करते ही थे, खाली समय में साथ में गुजारते थे।
happy friendship day
लैरी एलिसन और स्टीव जॉब्स : कठिन समय में दोस्ती ने हिम्मत दी जीवन के कठिन दौर में दोस्त एक-दूसरे की हिम्मत बनते हैं। 74 साल के लैरी एलिसन दुनिया की सबसे बड़ी बिजनेस सॉफ्टवेयर कंपनी ओरेकल के संस्थापक हैं और उनके दोस्त रहे स्टीव जॉब्स ने एप्पल कंपनी बनाई। लैरी याद करते हैं कि जॉब्स जब कैंसर से जूझ रहे थे तब किस तरह उन्होंने अपने सबसे मजबूत दोस्त को हर दिन कमजोर होते देखा था। लेकिन लैरी और जॉब्स उन दिनों भी शाम को साथ में टहलने जाते और एक-दूसरे की हिम्मत बने रहे। जब लैरी ने चौथी बार शादी की तो शादी के आयोजन में सारी फोटोग्राफी स्टीव जॉब्स ने खुद की थी।
happy friendship day
सर्गेई ब्रिन-लैरी पेज : दोस्ती की ताकत ने दुनिया को दिया गूगल का तोहफा कुछ दोस्ती जीवन को दिशा और मकसद दे जाती है। 46 साल के लैरी पेज और 45 साल के सर्गी ब्रिन की दोस्ती ऐसी ही है। दोनों दोस्तों ने मिलकर गूगल कंपनी बनाई जिसने तकनीक दुनिया में क्रांति ला दी। सफलता के शीर्ष पर पहुंचने के बाद भी दोनों की दोस्ती बरकरार है और इस जोड़ी की सराहना में लोग इन्हें ‘गूगल गायज’ बुलाते हैं। 1995 में दोनों की दोस्ती की शुरूआत अमेरिका के स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय से हुई थी, जहां दोनों शोधार्थी थे। फिर दोनों ने वेब सर्च इंजन से जुड़ा एक शोधपत्र साथ में तैयार किया और वहां से गूगल कंपनी का विचार पनपा। दोनों मानते हैं कि बिजनेस से जुड़ी तमाम चुनौती और उतार-चढ़ाव के बीच उनका रिश्ता इसलिए कायम है क्योंकि दोनों दोस्ती की अहमियत समझते हैं।