भारत को त्योहारों का देश कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। जन्माष्टमी के बाद अब लोग हरतालिका तीज और गणेश चतुर्थी के उत्सव को खास बनाने की अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं। बता दें, इस साल बुद्धि और ज्ञान के देवता भगवान गणेश जी का जन्मोत्सव 7 सितंबर को मनाया जाएगा। ऐसे में इस शुभ अवसर पर बप्पा के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए उनके मनपसंद भोग का प्रसाद चढ़ाते हैं। ऐसी ही चीजों में मोदक का नाम भी शामिल है। अगर आप गणेश चतुर्थी के 10 दिन तक चलने वाले उत्सव के दौरान बप्पा को हर दिन एक नए मोदक का भोग लगाना चाहते हैं तो इस खबर से आइडिया ले सकते हैं।
भाप में पकाए हुए मोदक को उकडीचे मोदक कहा जाता है । माना जाता है कि इस तरह पकाए हुए मोदक गणेश भगवान को अति प्रिय होते हैं। यही वजह है कि हर साल गणेश चतुर्थी पर ज्यादातर परिवारों में महाराष्ट्र में उकडीचे मोदक बनाए जातें हैं। इस तरह के मोदक को बनाने के लिए चावल , मैदा या गेंहू के आटे का कवर बनाकर नारियल और गुड़ की फीलिंग भरी जाती है।
केसरी मोदक का स्वाद बेहद शानदार होता है। इसे मावे और केसर को मिलाकर तैयार किया जाता है। इस तरह बनाए गए मोदक का स्वाद बड़ों से लेकर बच्चों तक को पसंद होता है।
रवा मोदक की बाहरी परत सूजी की बनी होती है। जिसके भीतर नारियल, गुड़, खसखस और ड्राई फ्रूट्स की फीलिंग भरते हैं ।
फ्राइड मोदक जिसे पाथोली के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह से गेंहू के आटे से बनाकर डिप फ्राई किया जाता है । इस तरह के मोदक के अंदर चीनी और नारियल फीलिंग की जाती है। यह मोदक बाहर से क्रिस्पी और कुरकुरा होता है।
चना दाल मोदक को तमिल में कदलाई परुपपु पूरनम कोजुकट्टाई कहा जाता है । इस तरह के मोदक को बनाने के लिए सामान्य तरीके का यूज किया जाता है, लेकिन इसकी फीलिंग अलग होती है। जिसे बनाने के लिए चना, दाल और गुड़ को साथ में पकाकर मोदक के भीतर भरा जाता है।
चॉकलेट पाउडर और ग्लूकोस बिस्किुट से इसकी बाहरी परत तैयार करके इसके अंदर पिघली हुई चॉकलेट भरी जाती है। आप चाहे तो इस मोदक में कद्दूकस किया हुआ नारियल और ड्राई फ्रूट्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
मावे के बने ये मोदक बप्पा को बहुत प्रिय है। गणेश चतुर्थी के पर्व को और खास बनाने के लिए मावे के मोदक बनाये जा सकते है। इस मोदक को बनाने के लिए आप मावे, नारियल और गुड़ का यूज कर सकते हैं।