1/7रोशनी और खुशियों का पर्व, दीवाली 2025 हर साल बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। परंपरागत रूप से, दिवाली में पटाखे, रोशनी और सजावट होती है, लेकिन इसके कारण पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। अगर आप इस साल अपनी दीवाली को परंपराओं के सम्मान के साथ पर्यावरण का ध्यान रखते हुए मनाना चाहते हैं तो दीवाली मनाने के ये इको-फ्रेंडली तरीके आपको बहुत पसंद आने वाले हैं।

पटाखों से होने वाला ध्वनि और वायु प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। प्रदूषण की वजह से व्यक्ति को श्वसन संबंधी समस्याएं, दिल के दौरे जैसी परेशानी हो सकती है। आप दीवाली मनाने के लिए पटाखों की जगह दीयों, मोमबत्तियों और एलईडी लाइट्स जलाकर रोशनी के इस त्योहार को मनाएं।

प्लास्टिक या चीनी मिट्टी के दीयों की जगह इस दीवाली पारंपरिक मिट्टी से बने दीयों का उपयोग करें। ये बायोडिग्रेडेबल होते हैं और पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। दीयों को जलाने के लिए तेल या घी का उपयोग करें, जो रासायनिक पदार्थों से मुक्त होते हैं। इसके अलावा पैराफिन वेक्स वाली मोमबत्तियों की जगह सोया या बीसवैक्स जैसी जैविक मोमबत्तियों का उपयोग करें। यह मोमबत्तियां धुआं कम छोड़ती हैं। जिससे प्रदूषण कम होता है।

सिंथेटिक रंगों की जगह फ्रेश फूलों की पंखुड़ियों (जैसे गेंदा, गुलाब) या चावल के आटे, हल्दी, कुमकुम जैसे प्राकृतिक रंगों से रंगोली बनाएं।

दीवाली पर प्लास्टिक की सजावट की जगह पुराने दुपट्टे, कांच की बोतलें, सूखे पत्ते, या हाथ से बनी कलाकृतियों का उपयोग करें।

पौधे, जैविक उत्पाद, हैंड मेड वस्तुएं, या अनुभवों जैसे यात्रा वाउचर को उपहार के रूप में दें। ये स्थायी और विचारशील विकल्प हैं।

दीवाली पर पारंपरिक ढोल-नगाड़े या किसी संगीत इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करें जो तेज आवाज वाले पटाखों से बेहतर हैं।
