भारतीय सेना ने 26 जनवरी पर अपनी शौर्य का अद्भुत प्रदर्शन किया। इस बार गणतंत्र दिवस के दिन देश के दुश्मनों के मन में दहशत भरने के लिए भारतीय सेना ने विशेष रूप से तैयार किये गये रोबोट डॉक को दिखाया। रोबोट डॉग को लॉन्च कर भारतीय सेना ने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह मशीनी कुत्ता पहली बार गणतंत्र दिवस के परेड में शामिल हुआ।
रोबोट डॉग्स पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक से बना है। इसे रिमोट कंट्रोल के माध्यम से नियंत्रित किया जाता है। रोबोट कुत्ता में ऐसी तकनीक फिट है कि जरूरत पड़ने पर यह अपना फैसला खुद ले सकता है। यह किसी बॉर्डर इलाके में पहरेदारी से लेकर काफी तेज दौड़ने में यह रोबोट डॉग सक्षम है।
आर्मी डे परेड में शामिल इन रोबोट्स को चुनौती पूर्ण हालातों में सेना की मदद के लिए तैयार किया गया है। सेना में इनके शामिल होने से सैनिकों की जान पर खतरा कम होगा। इसमें लंबे समय तक चलने वाली बैटरी लगी है, जिससे यह कई घंटों तक बिना रुके कार्य कर सकता है। इसकी ऊर्जा दक्षता इसे कठिन परिस्थितियों में भी लंबे समय तक उपयोगी बनाती है।
भारतीय सेना ने अत्याधुनिक तकनीक को अपनाते हुए "रोबोट डॉग" को अपनी सेना में शामिल किया है। यह कदम न केवल सेना की ताकत बढ़ाने की दिशा में है, बल्कि भविष्य के युद्धों और खतरनाक अभियानों में स्वचालित उपकरणों के उपयोग को लेकर सेना की तैयारी का संकेत भी देता है।
यह रोबोट डॉग कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और आधुनिक सेंसर से लैस है। इसका डिज़ाइन ऐसा है कि यह किसी भी परिस्थिति और इलाके में आसानी से काम कर सकता है, चाहे वह पहाड़ी क्षेत्र हो, रेगिस्तान हो, या फिर घने जंगल। यह बाधाओं को पहचानने और उन्हें पार करने की क्षमता रखता है।
रोबोट डॉग का उपयोग सीमा पर निगरानी के लिए किया जा सकता है। इसमें लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरे और नाइट विज़न तकनीक इसे दिन और रात दोनों समय प्रभावी बनाते हैं। यह दुश्मन की गतिविधियों पर नज़र रखने और सेना को खुफिया जानकारी प्रदान करने में सक्षम है।
यह डिवाइस पर्यावरण-अनुकूल सामग्री से बना है और इसे टिकाऊ बनाया गया है ताकि यह लंबे समय तक कठिन परिस्थितियों में भी काम कर सके। इसके संचालन के दौरान यह कम शोर उत्पन्न करता है, जिससे दुश्मन को इसकी उपस्थिति का पता लगाना मुश्किल होता है।
रोबोट डॉग में सामान या उपकरणों को ले जाने की क्षमता है। यह सैनिकों के भार को कम करने और महत्वपूर्ण उपकरणों को दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचाने में मदद करता है।