युवा हो रहे हैं रीढ़ की समस्या के शिकार, 6 घंटे से अधिक बैठकर काम करते हैं, तो हो जाएं सावधान
जीवनशैली से संबंधित समस्याओं में प्रमुखता से शामिल है रीढ़ की समस्या। खास बात यह है कि अब 25-30 साल के युवक इसकी गिरफ्त में अधिक आ रहे हैं। अगर आप भी लगातार 6 घंटे से अधिक बैठकर काम करते हैं, तो हो...
Anuradhaspinal
जीवनशैली से संबंधित समस्याओं में प्रमुखता से शामिल है रीढ़ की समस्या। खास बात यह है कि अब 25-30 साल के युवक इसकी गिरफ्त में अधिक आ रहे हैं। अगर आप भी लगातार 6 घंटे से अधिक बैठकर काम करते हैं, तो हो जाएं सावधान। पीठ दर्द की समस्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इन पीड़ित लोगों में 80 प्रतिशत की उम्र 25 से 40 साल के बीच पाई गई है। जानकारी देता आलेख।
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असरदार उपाय लंबे समय तक बैठे रहने से बचें। बैठे रहने के दौरान अपनी कुहनी को 90 डिग्री पर रखें। अपनी पीठ सीधी रखें और सपोर्टेड चेयर पर बैठकर काम करें। काम करते समय ध्यान रखें कि आपका लैपटॉप आंखों के लेवल पर हो। बैठे रहकर भी अपने टखने और पंजों को घुमाते रहें। अपनी गर्दन को स्ट्रेच करने के लिए व्यायाम करते रहें। पीठ के निचले हिस्से को सपोर्ट देकर रखने से इसे झुकाव से बचा सकते हैं। हमेशा कुर्सी पर इस तरह से बैठें, जिससे आपकी पीठ का निचला हिस्सा कुर्सी के निचले हिस्से के सपोर्ट में हो। अगर आप लगातार कई घंटे बैठे रहते हैं, तो एक लम्बर रोल का इस्तेमाल करें। अपने स्पाइन विशेषज्ञ से सलाह लें कि आपके लिए कौन-सा लम्बर रोल ठीक रहेगा। हमेशा लिफ्ट की जगह सीढियों का इस्तेमाल करने की कोशिश करें।
lower back pain
निष्क्रिय जीवनशैली वर्तमान समय की बड़ी समस्या है। स्थिति यह है कि 70 प्रतिशत से भी अधिक लोग 6 घंटे अथवा इससे अधिक समय तक लगातार बैठकर काम करते हैं। बात चाहे ऑफिस में बैठकर काम करने की हो अथवा घर में बैठकर टीवी देखने की, नियमित रूप से लोग चलने से अधिक समय बैठकर गुजारते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की लम्बे समय तक बैठे रहने वाली जीवनशैली लोगों की रीढ़ की सेहत को नुकसान पहुंचा रही है। इनमें से अधिकतर लोग 25 से 40 की उम्र के बीच वाले युवा हैं, जो ऑफिस जाते हैं। इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर के मेडिकल डायरेक्टर एवं स्पाइन सेवाओं के प्रमुख डॉ. एच. एस. छाबड़ा बताते हैं, लंबे समय तक निष्क्रिय स्थिति में बैठे रहने से शरीर अनेक तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की चपेट में आ सकता है। ऐसी समस्याओं में प्रमुखता से शामिल हैं- दर्द, रीढ़ संबंधी बीमारियां और मांसपेशियों व टिश्यू में बार-बार लगने वाली चोट। एक ओर जहां शारीरिक सक्रियता की कमी पीठ की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाती है, वहीं लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठे रहने से आपके जोड़ों, मांसपेशियों और रीढ़ पर दबाव बढ़ सकता है।
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लम्बे समय तक बैठकर काम करने वाले लोग अकसर अपने पॉस्चर का ध्यान नहीं रखते हैं। लंबे समय तक लगातार बैठे रहने से न सिर्फ हमारे अंग कमजोर होकर कम उम्र में ही समस्या ग्रस्त हो सकते हैं, बल्कि ये हमारी हड्डियों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। पीठ दर्द की मुख्य वजह है लोगों की खराब जीवनशैली और शरीर का अधिक वजन। इन बातों पर ध्यान देना है जरूरी बैठकर काम करने से बचना संभव नहीं है। इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ ऐसे उपाय करने चाहिए, जिससे खतरा कम हो सके। नियमित व्यायाम, सही पॉस्चर का ध्यान रखना और काम के बीच-बीच में विराम लेकर अपनी सीट से उठना ऐसे प्रमुख उपाय हो सकते हैं। काम के बीच में फोन करना हो, तो इस दौरान टहलना, इंटरकॉम के इस्तेमाल की जगह उठकर सहयोगियों के पास तक जाना और काम के बीच में पीठ की स्ट्रेंर्थंनग एक्सरसाइज करना आदि फायदेमंद होता है।