मीठी तुलसी: मीठे के शौकीनों के लिए वरदान है मीठी तुलसी, मोटापे को भी करती है नियंत्रित
मीठी तुलसी यानी स्टीविया को सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद माना जाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से आपका बचाव भी कर सकती है और कई समस्याओं के उपचार में भी काम आ...
Anuradhatulsi
तमाम विशेषज्ञ बताते हैं कि जब बहुत ज्यादा चीनी खाने की आदत पड़ जाती है तो यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित होती है। ऐसे में अगर हमारे पास चीनी का विकल्प हो और हमें उसकी मिठास पसंद हो, तो हम उस मिठास का पूरा आनंद ले सकेंगे और स्वस्थ भी रह सकेंगे। ऐसे ही विकल्पों में प्रमुखता से शामिल है शून्य कैलरी और प्राकृतिक स्वीटनर का गुण समेटे मीठी तुलसी। इसे स्टीविया भी कहा जाता है।
tulsi leaves
क्या है मीठी तुलसी भोजन में अतिरिक्त चीनी कम करने की कई रणनीतियों में से एक है ऐसी मिठास का उपयोग, जिसमें कैलरी नहीं हो। ऐसे ही विकल्पों में प्रमुखता से शामिल है मीठी तुलसी। इसे आप चाय में या सलाद के रूप में भी शामिल कर सकते हैं। ये चीनी से भी मीठी होने के बावजूद नुकसानदेह नहीं है। मीठी तुलसी की मात्र तीन पत्तियां एक सोडा के कैन की 25 प्रतिशत चीनी की जगह ले सकती हैं। मीठी तुलसी न सिर्फ डायबिटीज के रोगियों के लिए, बल्कि सभी उम्र के स्वस्थ लोगों, बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है। मीठी तुलसी उन लोगों के लिए वरदान है, जो मीठा खाने के शौकीन हैं।
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tulsi ji
मोटापे को करे नियंत्रित निरोग स्ट्रीट के संस्थापक और आयुर्वेद एक्सपर्ट राम कुमार कहते हैं- मोटापे की एक बड़ी वजह चीनी के अधिक सेवन को भी माना जाता है। अगर आप मीठा खाने के शौकीन हैं, तो मिठास पाने के लिए मीठी तुलसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें न तो ग्लूकोज है और न ही कैलरी, जिस कारण मोटापे की आशंका को कम करती है और मोटे लोगों को अपना वजन कम करने में सहायता भी करती है।
amla and tulsi
शुगर का स्तर नहीं होता प्रभावित बेंगलुरू की न्यूट्रीशनिस्ट और फिटनेस कंसल्टेंट इरम जैदी कहती हैं, मीठी तुलसी स्वाद में बिल्कुल चीनी की तरह है। इससे हमें स्वाद के मामले में कोई समझौता नहीं करना पड़ता। रोज के भोजन से कैलरी कम करने के उपायों में मीठी तुलसी भी प्रमुख साबित हो सकती है। इससे खून में शुगर या इंसुलिन का स्तर भी प्रभावित नहीं होता। हर जगह है उपलब्ध प्योरसर्किल में दक्षिण एशिया क्षेत्र के प्रमुख नवनीर्त ंसह कहते हैं कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों का एक नया वर्ग उभर रहा है, जो कम या जीरो कैलरी वाले उत्पादों पर स्पष्ट लेबल की मांग कर रहा है। पहले जो ऑनलाइन उपलब्ध था, वह अब पड़ोस के सुपर मार्केट में उपलब्ध है।
Tulsi
डैंड्रफ से भी राहत दिलाए मीठी तुलसी को एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी फंगल गुणों से भरपूर माना जाता है। इसके लिए मीठी तुलसी के सत्त को शैंपू में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। इसके सत्त को रात में मुहांसों पर लगाकर सुबह साफ कर लेने से मुहांसों से भी राहत मिलती है। मुंह की सेहत को रखे दुरुस्त मुंह में तरह-तरह के बैक्टीरिया बनते हैं, जिनमें से काफी सेहत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। इसके अलावा मुंह में कैविटी और मसूढ़ों की सूजन की समस्या भी होती है। मीठी तुलसी यानी स्टीविया युक्त टूथपेस्ट और माउथवॉश के इस्तेमाल से इन समस्याओं पर काबू पाया जा सकता है। हड्डियों को दे मजबूती हड्डियों की मजबूती में कैल्शियम की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मुर्गियों पर किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि मीठी तुलसी में कैल्शियम की भी मात्रा अच्छी होती है। जिन मुर्गियों को स्टीविया आहार दिया गया, उन मुर्गियों के अंडों में अन्य मुर्गियों के अंडों की तुलना में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई गई। यानी मीठी तुलसी के नियमित सेवन से हड्डियां भी मजबूत हो सकती हैं और आप ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं।