Pancreatic Cancer : जानें क्या है यह बीमारी जिसके शिकार हुए मनोहर पर्रिकर और क्यों जरूरी है पैनक्रियाज का स्वस्थ रहना
गोवा के मुख्य मंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम को निधन हो गया। वह पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे है। पैनक्रियाज हमारे शरीर का बेहद जरूरी अंग होते हैं...
Aparajitaगोवा के मुख्य मंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम को निधन हो गया। वह पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। पैनक्रियाज हमारे शरीर का बेहद जरूरी अंग होते हैं और इसमें आई कोई भी खराबी हमारी सेहत को बहुत बुरी तरह प्रभावित कर ती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में, जिसके शिकार बने पर्रिकर।
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भोजन को पचाने में मददगार : हमारे खाने में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा सवर्धिक मात्रा में शामिल होते हैं। इसके अलावा हमें सीमित मात्रा में विटामिन एवं खनिज की भी आवश्यकता होती है। हमारा शरीर इन तत्वों को उनके मूल रूप में इस्तेामल नहीं कर सकता। अग्नाशय इसे छोटे हिस्सों में तोड़ कर साधारण पदार्थों में बदलने में मदद करता है।
blood sugar
ब्लड शुगर को करे नियंत्रित : अग्नाशय हमारे रक्त में मौजूद शुगर को भी कंट्रोल करता है। एल्फा कोशिकाएं जो कि ग्लूकागॉन का रिसाव करती हैं और ग्लूकागॉन रक्त में ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का रिसाव करती हैं जो इंसुलिन रक्त ग्लूकोज के स्तरों को कम करने और प्रोटीन निर्माण को बढ़ाने के लिए जिम्मेइदार हार्मोन है। डेल्टा कोशिकाएं सोमेटोस्टेटिनन का रिसाव करती हैं जो इंसुलिन और ग्लूकागॉन के रिसाव के बीच एक संतुलन बनाए रखता है।
pancreas
मछली जैसा आकार : अग्नाशय पेट में मौजूद पाचन तंत्र की एक प्रमुख ग्रंथि है, इसका आकार मछली के जैसा होता है। इसकी लंबाई लगभग 6 इंच होती है। अग्नाशय छोटी आंत, लिवर और स्प्ली से घिरा रहता है। इसका अगला हिस्सा बड़ा और पिछला हिस्सा छोटा होता है। खाने को ऊर्जा में बदलकर अग्नाशय इस ऊर्जा को सेल्स में भेजता है।